नई दिल्ली। बॉम्बे हाई कोर्ट 20 जून को होने वाले महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव में मतदान करने की अनुमति मांगने संबंधी राज्य के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की दो याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक और देशमुख वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। जस्टिस एन जे जामदार ने गुरुवार को सभी पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनीं और कहा था कि फैसला शुक्रवार को सुनाया जाएगा। सुनवाई के दौरान, मलिक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा था कि मंत्री का मामला मतदान के लिए न्यायिक हिरासत में रहते हुए सुरक्षा घेरे में जाने देने का एक सामान्य अनुरोध है। सुनावा के दौरान देसाई ने कहा था कि हालांकि, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 62(5) जेल में कैद लोगों के मतदान करने पर प्रतिबंध लगाती है, लेकिन इस तरह का प्रतिबंध भौतिक समस्याओं की वजह होता है जैसे कि सुरक्षा इंतजाम करना और जेल में कैद व्यक्तियों को मतदान के लिए ले जाने को लेकर जरूरी व्यवस्था करना। राज्य विधानपरिषद की 10 खाली सीट पर द्विवार्षिक चुनाव अगले सोमवार को होना है। मतदान के लिए निर्वाचक मंडल में राज्य विधानसभा के सदस्य शामिल हैं। कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें भाजपा के पांच, जबकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार (महाविकास आघाड़ी से कुल छह उम्मीदवार) उतारे हैं।