राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में शुक्रवार से एकल उपयोग प्लास्टिक से बनी हुई 19 चीजों पर प्रतिबंध लग गया है। इससे दिल्ली में रोजाना निकलने वाले आधे से ज्यादा प्लास्टिक कचरे में कमी आने की उम्मीद है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से मई में किए गए आकलन के हिसाब से राजधानी में रोजाना करीब 1140 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसमें से करीब 632 टन कचरा एकल उपयोग प्लास्टिक से बना होता है। एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी लगने से इस कचरे की मात्रा में कमी आएगी। दिल्ली में इस प्रतिबंध को लागू कराने के लिए बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। जबकि, लोगों को इसके विकल्पों के बारे में जागरूक करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से तीन दिवसीय विकल्प मेले का आयोजन भी शुक्रवार से किया जाने वाला है।गौरतलब है कि प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने देशभर में एकल उपयोग प्लास्टिक को एक जुलाई से प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। एकल उपयोग प्लास्टिक को रीसाइकिल करना मुश्किल और खर्चीला होता है। इसलिए इसका ज्यादातर हिस्सा अलग-अलग तरह से पर्यावरण में ही चला जाता है और तमाम तरह की परेशानियां पैदा करता है।देशभर में पैदा होने वाले प्लास्टिक कचरे में भी एकल उपयोग प्लास्टिक का बड़ा हिस्सा होता है। इसलिए इस पर लगने वाली रोक से प्लास्टिक कचरे की मात्रा में भी बड़ा फर्क पड़ने वाला है। राजधानी दिल्ली में एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी के लिए अलग-अलग स्तरों पर तैयारियां की गई हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संबंध में अधिकारियों और स्टार्टअप कंपनियों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं।
रोकथाम के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
एकल उपयोग प्लास्टिक पर लगने वाली पाबंदी के बारे में दिल्ली के स्थानीय निकायों को जानकारी दी गई है। इन सभी से प्लास्टिक कचरे के लिए केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कार्रवाई करने को कहा गया है। ताकि, एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को सभी स्तरों पर रोका जा सके।
उत्पादन पर कड़ी निगरानी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और स्टोरेज पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए पंजीकृत इकाइयों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जबकि, गैरपंजीकृत इकाइयों को पहले ही बंद करने की बात कही जा चुकी है।
विकल्पों पर लगेगा तीन दिन का मेला
एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों को लेकर भी दिल्ली सरकार सक्रियता दिखा रही है। इस क्रम में त्यागराज स्टेडियम में शुक्रवार से तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें तमाम कंपनियां उन विकल्पों का प्रदर्शन करेंगी जिन्हें एकल उपयोग प्लास्टिक की चीजों की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
किस पर है रोक
एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुओं की मैनुफैक्चरिंग, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगी
क्या है सजा
इसका उल्लंघन करने वालों को पांच साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है। लगातार उल्लंघन करने वाले पर पांच हजार प्रतिदिन के हिसाब से भी जुर्माना लग सकता है।
इन पर पाबंदी
प्लास्टिक स्टिक के ईयरबड, प्लास्टिक स्टिक वाले गुब्बारे, प्लास्टिक के झंडे, प्लास्टिक की आइसक्रीम स्टिक, सजावट में इस्तेमाल होने वाले थर्माकोल, कैंडी स्टिक, प्लास्टिक प्लेट, ट्रे, गिलास, प्लास्टिक कटलेरी (कांटा, चम्मच और चाकू), प्लास्टिक स्ट्रॉ और स्टरर, मिठाई के डिब्बे के ऊपर लगने वाली पैकेजिंग, इंवीटेशन कार्ड और सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम वाले