गाजियाबाद। (लायक हुसैन) जाते-जाते कर गए सबको भावुक, आप का जाना और दिलों की धडकनों का बढ़ जाना, जेल अधीक्षक के लिए जेल में बंद कैदियों से लेकर जेल प्रशासन की पुकार, यही तो है सच्चा प्यार,क्या जेल के अधिकारी और क्या कर्मचारी साथ ही कैदियों के आंखे भी हुईं नम इसे कहते हैं कि एक आला अफसर जोकि अपनी मधुर वाणी और कुशल व्यव्हार के चलते, जाते-जाते सभी की आंखों में आंसू भर गए, जेल में बंद कैदियों से लेकर जेल प्रशासन में तैनात अधिकारी हों या कर्मचारी जिसने भी सुना सब हक्का बक्का रह गए, अब हम आपको बताएंगे कि आखिर ऐसा क्यूं हुआ तो आप समझ लीजिए कि श्री मिजाजी लाल यादव जी जिस-जिस जेल में तैनात रहे हैं वहां का स्टाफ और जेल में बंद कैदियों के लिए एक तरह से कहा जाये तो उस दवा और दुआ के माफिक रहे हैं जैसे कि कोई डाक्टर किसी मर्ज को पकड़ कर सटीक इलाज कर रहा हो साथ ही दुआ का मतलब यह है कि जेल में कैदियों को अच्छी राह पर चलने के वह गुर बताते हैं कि बड़े-बड़े अपराधी मिजाजी लाल के दीवाने हो जाते हैं, और सही रास्ता भी चुनने का काम कई बंदियों ने किया है, कहते हैं कि एक आला अफसर जोकि अपनी मीठी वाणी और कुशल व्यव्हार के चलते ऐसे कामों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है वह हैं मिजाजी लाल जी, अब बारी है शाहजहांपुर की और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वहां पर भी श्री लाल जी के पहुंचते ही कुछ ही समय में शाहजहांपुर जेल का माहौल बेहतर होगा, एक बात तो है बड़े ही लंबे समय तक मिजाजी लाल जी को जेल में बंद कैदी और जेल में तैनात स्टाफ भूल नहीं पाता, हकीकत तो यह है कि जब-जब और जहां-जहां से मिजाजी लाल जी का तबादला होता है तो वह सभी की आंखें नम कर देते हैं अब इसी का नाम तो असल जीवन है जो लोगों के दिलों पर राज कर सके, खैर इस नौकरी में यह तो होता ही है आज यहां कुछ समय बाद कहीं और लेकिन दिलों पर छाप छोड़ देने वाले अधिकारी बहुत कम होते हैं।