प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के मामले में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अली को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की विशेष अदालत में पेश किया गया। उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में पूछताछ के लिये रिमांड अर्जी के साथ पुलिस ने अतीक और अशरफ को आज सुबह करीब सवा 11 बजे सीजेएम की विशेष अदालत में पेश किया। अतीक को अहमदाबाद जेल से और उसके भाई अशरफ अली को बरेली जेल से यहां बुधवार को लाया गया था।
बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में अदालत अतीक को उम्रकैद की सजा पहले ही सुना चुकी है। उमेश पाल की पिछली फरवरी को हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में आरोपी अतीक को पूछताछ के लिये दोबारा प्रयागराज लाया गया है। उमेश पाल हत्या मामले में पूछताछ करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में एक सप्ताह पहले वारंट बी के तहत अर्जी दी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया था। कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद दोनो से पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि वारंट बी किसी भी जेल में बंद आरोपी के लिए न्यायालय से जारी होता है। किसी मामले में विवेचक जब कोर्ट को बताता है कि उसने ‘इस’ व्यक्ति को आरोपी बनाया है, तब कोर्ट वारंट बी जारी करती है। पिछले दिनों पुलिस टीम ने अदालत से जारी बी वारंट को जेल में तामील कराया था। उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक और अशरफ पर साजिश रचने का आरोप है।
सीजेएम की अदालत ने उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को अतीक अहमद, दिनेश पासी और वकील खान शौलत हनीफ को आजीवन कारावास और एक-एक लाख क्षतिपूर्ति की सजा सुनाई है जबकि भाई अशरफ समेत सात लोगों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त करार दिया गया। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की 28 फरवरी 2006 को हत्या का उमेश पाल मुख्य गवाह था। उसे गवाही नहीं देने के लिए अपहरण कराया गया था।
17 साल बाद 28 मार्च 2023 को अतीक अहमद को इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई। अतीक अहमद को अपहरण कांड की सजा सुनने से पहले ही उसे और उसके दोनो सरकारी सुरक्षाकर्मियों को 24 फरवरी 2023 को गोली और बम मारकर हत्या कर दी गयी। इस मामले में अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दोनो बेटे के अलावा नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया था।