कांग्रेस की कोई योजना नहीं, जिसमें भ्रष्टाचार न हो : प्रधानमंत्री मोदी

कर्नाटक। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कोलार में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का नाता ‘85 प्रतिशत कमीशन’ से रहा है और हजारों करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में ‘शाही परिवार’ जमानत पर है।

कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उन्हें ‘जहरीला सांप’ कहे जाने को लेकर उनपर कड़ा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि सांप भगवान शिव के गले की शोभा है और उनके लिए देश की जनता ‘भगवान का स्वरूप’ है एवं उन्हें उनके गले के सांप से तुलना किए जाने पर कोई परेशानी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यही वजह है कि कांग्रेस और उसके ‘शाही परिवार’ के प्रति देश का भरोसा उठ गया है। कांग्रेस की छवि हमेशा से 85 प्रतिशत कमीशन से नाता रखने वाली पार्टी की रही है। कांग्रेस के शासन के दौरान उसके शीर्ष नेता व तत्कालीन प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा था कि अगर वह दिल्ली से एक रुपये भेजते हैं तो केवल 15 पैसा जमीन (जनता) तक पहुंचता है। कांग्रेस अपने ‘पंजे’ का इस्तेमाल गरीबों का 85 पैसा छीनने में करती रही है।’’

कोलार में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोप नहीं है, बल्कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था। जो कांग्रेस 85 प्रतिशत कमीशन खाती हो, वह कर्नाटक का विकास नहीं कर सकती।’’ प्रधानमंत्री का यह हमला कांग्रेस के उस आरोप के बाद आया है जिसमें उसने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की भाजपा सरकार ठेकेदारों से ‘40 प्रतिशत कमीशन’ लेती है। मोदी ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार द्वारा भेजी गई शत-प्रतिशत राशि लाभार्थियों तक पहुंचती है। गत नौ साल में ‘डिजिटल इंडिया’ की ताकत से 29 लाख करोड़ रुपये गरीबों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत भेजे गए।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘अगर कांग्रेस का कमीशन के नाम पर ‘85 प्रतिशत राशि’ खाने का सिलसिला जारी रहता तो इनमें से 24 लाख करोड़ रुपये गरीबों तक नहीं पहुंचते।’’ उन्होंने कहा कि लोग ‘कल्पना करें कि कांग्रेस नेताओं ने पहले कितने लाख करोड़ रुपये अपने लॉकर में जमा किए।’’ मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के मामले में ‘समृद्ध’ है और वह कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने ऐसी कोई योजना या कार्यक्रम तैयार नहीं किया, जिसमें भ्रष्टाचार न हो।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि आज भी कांग्रेस का ‘शाही परिवार’ और उसके करीबी लोग हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के मामलों में जमानत पर हैं। जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं और जमानत पर हैं वे कर्नाटक में आकर उपदेश दे रहे हैं। जिस कांग्रेस के शीर्ष नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं और ‘शाही परिवार’ के सदस्य जमानत पर हैं, वह पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘वर्ष 2014 से पहले के नौ साल के कांग्रेस शासन में भ्रष्ट लोगों की केवल पांच हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जबकि भाजपा के नौ साल के शासन में देश को लूटने वालों की करीब एक लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।’’

मोदी ने जोर देकर कहा कि केवल भाजपा ही तेजी से और कड़ाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने रेखांकित किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कार्रवाई की वजह से कांग्रेस सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। मोदी ने कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस की उनके प्रति ‘नफरत’ दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर अपने हमले और बढ़ा दिए हैं। कांग्रेस के लोग इन दिनों धमकी दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’। अब कर्नाटक का चुनाव है और कांग्रेस का सबसे बड़ा मुद्दा सांप और उसका जहर है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता उनकी तुलना सांप से कर रहे हैं और लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन सांप भगवान शिव के गले की शोभा है और मेरे लिए मेरे देश की जनता भगवान का स्वरूप है, वे (जनता) भगवान शिव के रूप हैं। इसलिए मुझे कोई आपत्ति नहीं है, अगर लोगों के गले में (मैं) सांप की तरह लिपटा रहूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि कर्नाटक की जनता, संत और संस्कार की यह भूमि कांग्रेस की इन गालियों का माकूल जवाब अपने मत से देगी। कांग्रेस के प्रति लोगों का गुस्सा 10 मई को उनके मतों के जरिये प्रतिबिंबित होगा।’’ गौरतलब है कि खरगे ने कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी सभा में कहा था कि मोदी ‘जहरीले सांप’ की तरह हैं। हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनकी मंशा किसी की भावना को आहत करने की नहीं थी और उनका बयान ‘प्रधानमंत्री मोदी को लेकर नहीं था, उन नीतियों को लेकर था, जिनका वह प्रतिनिधित्व करते हैं।’’

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