नई दिल्ली। देश भर के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में पीजी कोर्सेस में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली नीट पीजी 2021 काउंसलिंग की प्रक्रिया लगभग एक माह से लंबित है। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा नीट पीजी 2021 परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों के लिए ऑल इंडिया कोटे (एआइक्यू) की 50 फीसदी सीटों पर दाखिले के लिए काउंसलिंग के प्रक्रिया 25 अक्टूबर 2021 से शुरू की जानी थी।हालांकि, केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा एआइक्यू सीटों में ओबीसी और ईडब्लूएस कटेगरी के उम्मीवारों को आरक्षण दिये जाने की घोषणा के बाद इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालयम में दायर की गयी है। इस याचिका पर आज, 23 नवंबर 2021 को सुनवाई होनी है, जो कि पिछले सप्ताह 16 नवंबर को होनी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से आज तक के लिए टाल दिया गया था। माना जा रहा है कि एक माह से लंबित चल रही मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को लेकर शीर्ष अदालत द्वारा फैसला आज सुनाया जा सकता है।
इससे पहले इस मामले पर 21 अक्टूबर 2021 को हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीवी नागर्थन की खण्डपीठ ने कहा था कि इस मामले पर अदालत के निर्णय के बिना काउंसलिंग से स्टूडेंट्स के लिए समस्या की स्थिति उत्पन्न होगी। इसके बाद, 26 अक्टूबर को, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया था कि नीट पीजी 2021 दाखिले में आरक्षण के लिए EWS श्रेणी निर्धारित करने के लिए निर्धारित 8 लाख रुपये वार्षिक आय की सीमा सही है और राशि तय करने का सिद्धांत तर्कसंगत है और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के अनुरूप है।