नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि नीट पीजी काउंसिलिंग प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक केंद्र सरकार आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लिए आठ लाख रुपए की लिमिट पर दोबारा फैसला नहीं ले लेती है। केंद्र सरकार ने कहा कि वह ईडब्यूएस के लिए आठ लाख रुपए की लिमिट पर चार हफ्ते में दोबारा विचार कर फैसला लिया जाएगा और तब तक नीट की काउंसिलिंग रुकी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया है और अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कई बार सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि था कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग ) घोषित करने के लिए आठ लाख रुपए सालाना से कम आमदनी का जो मानदंड तय किया गया है, उसके पीछे क्या आधार है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या आपने आठ लाख रुपए की आमदनी का जो क्राइटेरिया तय किया है, उस पर दोबारा विचार करेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी रिजर्वेशन देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।