अयोध्या से प्रतापगढ़ तक चलेगी मेमू ट्रेन

प्रयागराज । अब रामलला का दर्शन करना आसान होगा। अयोध्या तक ट्रेन से पहुंचना काफी सुलभ होने वाला है वजह ये कि अयोध्या से प्रतापगढ़ तक मेमू ट्रेन चलेगी। इससे अयोध्या, काशी व प्रयागराज आने-जाने वाले दर्शनार्थियों व दैनिक यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। सुल्तानपुर से अयोध्या खंड व अकबरपुर से अयोध्या लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो जाने से अब मेमू ट्रेनों को चलाए जाने की मांग पूरी होगी। लंबे समय से यात्री इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन विद्युतीकरण के अभाव में मेमू नहीं चल पा रही थी। केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) प्रयागराज के महाप्रबन्धक यशपाल सिंह ने बताया कि लखनऊ परियोजना ने उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल में आने वाले सुल्तानपुर से अयोध्या (58.24 आरकेएम) खंड एवं अकबरपुर से अयोध्या (61.15 आरकेएम) का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया है। बुधवार को सीआरएस निरीक्षण का कार्य भी पूर्ण हुआ। इससे अब अयोध्या से सुल्तानपुर एवं प्रतापगढ़ के बीच मेमू ट्रेन चल सकेंगी। अयोध्या से सुल्तानपुर एवं प्रतापगढ़ के बीच अब ट्राफिक ट्रैक्शन परिवर्तन नहीं करना होगा, इससे समय बचेगा और समयपालनता बढेगी। राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या अब विश्व पर्यटन का क्रेंद्र नजर आने लगा है। ऐसे में अयोध्या तक के रूट का विद्युतीकरण हो जाने से दर्शनार्थियों को सर्वाधिक लाभ होगा। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन, राम मन्दिर के दर्शन हेतु आने वाले यात्रियों को मेमू ट्रेनों की सुविधा मिल सकेगी। कोर के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अमिताभ शर्मा ने बताया कि जफराबाद-अकबरपुर-अयोध्या कैंट-बाराबंकी से लखनऊ तक चलने वाली सभी गाडियां बिना कर्षण परिवर्तन के चल सकेंगी। मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट ट्रेन को शार्टकट में मेमू ट्रेन कहते हैं। यह बिजली (एसी करंट) से चलती है। यह एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ती है। मुंबई में इसे लोकल कहते हैं। इस ट्रेन के सभी कोच में ट्रेक्शन मोटर लगती है। यह तुरंत स्पीड पकड़ती है और स्टापेज पर तुरंत रुकती है। यह समय बचाती है। इसमें तीन कोच एक साथ जुड़े होते हैं। प्रत्येक तीन कोच के बाद एक इंजन लगा होता है। इसके कारण गंतव्य तक पहुंचने के बाद भी इसमें इंजन बदलने या कोच काटने की आवश्यकता नहीं पड़ती। दोनों तरफ मोटरमैन के लिए केबिन बनता है, जहां से ट्रेन संचालित होती है। मेमू के लिए लो लेवल प्लेटफार्म को ऊंचा करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है।

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