प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्य के मामले गिरफ्तार आनंद गिरी की जमानत अर्जी पर आज मंगलवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। सीबीआई की तरफ से सुनवाई टालने के अनुरोध पर कोर्ट ने यह आदेश दिया। अर्जी पर दोनों पक्षों की तरफ से जवाबी हलफनामे दाखिल किए जा चुके हैं।यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने दिया है। याची आनंद गिरि की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व सीबीआइ की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय कुमार यादव बहस कर रहे हैं। आनंद गिरि पर महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है है। निचली अदालत आनंद गिरि की जमानत अर्जी पहले ही खारिज कर चुकी है। उसके खिलाफ आनंद गिरि ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जल निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार को पूरी तरह से आदेश का पालन न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर तलब किया है। इन्हें याची को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान आठ प्रतिशत ब्याज के साथ करने का आदेश दिया गया था। सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान तो कर दिया लेकिन यह कहते हुए ब्याज का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त कर दी कि वह ब्याज का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। इस पर कोर्ट ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न अवमानना आरोप निर्मित किया जाय। याचिका की सुनवाई 28 जनवरी को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने चंद्र भवन सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विपक्षी जहां कहीं भी तैनात हो वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो। याचिका पर अधिवक्ता आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बहस की।