गाजियाबाद। लायक हुसैन। हम आप सब अक्सर पुलिस डिपार्टमेंट पर उंगली उठाने का काम करते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमारे हाथ की पांचो उंगलियां एक समान हैं इसी तरह से पुलिस डिपार्टमेंट पर उंगली उठाने से पहले एक बार जरूर सोचना चाहिए, चूंकि पुलिस डिपार्टमेंट पर कितना बोझ है हमें इसके बारे में भी जरूर जा लेना चाहिए अगर पुलिस अपने काम को ठीक से अंजाम दे रही है तो इसमें गलत क्या है, जरा सोचिए क्या पुलिस एक मुजरिम को यह जानते हुए कि यह मुजरिम है उसे छोड़ दे तो पुलिस ठीक होगी जी नहीं तब हम आप ही कहेंगे कि पुलिस ऐसी है पुलिस वैसी हैं तमाम तरीके के सबालों के घेरे में पुलिस उलझ जाएगी, लेकिन जब पुलिस बेहद अच्छा काम कर रही होती है तब हम आप तारीफ क्यूं नहीं करते, तो है न दुहात वाली बात, अब आप यह जान लीजिए कि पुलिस कभी नहीं चाहती कि वह किसी से बततमीजी करे या किसी को बगैर बात के कुछ गलत कहे, हमें यह स्वयं ही सोचना होगा, दरअसल हम आप सब पुलिस को मजबूर करके खुद ही ऐसा करवाते हैं,ऐसे अनेकों किस्से हैं जो देखे भी गए हैं और सुने बी गए हैं उन्हीं किस्सों में से एक यह किस्सा है जो देखकर और सुनकर आपको भी अच्छा जरूर लगेगा, बीती रात्री का समय समय था और थाना विजयनगर पुलिस अपनी ड्यूटी निभा रही थी तभी अचानक पुलिस टीम की नजर एक व्यक्ति पर पड़ती है अब देर रात के समय पुलिस तो किसी भी व्यक्ति को देख पूछताछ तो करेगी ही लेकिन पुलिस कर्मियों की समझ में आ गया था कि कहीं न कहीं यह व्यक्ति किसी परेशानी में है और हकीकत में यह व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर था, इस दौरान गस्त कर रहे पुलिस कर्मियों ने इस सख्श को देखकर भांप लिया कि इस सख्श के हालात बताते हैं कि कहीं न कहीं इसे कोई मानसिक तनाव है इस दौरान पुलिस टीम ने काफी देर बातचीत की तब उसने अपना नाम व पता- बिंद पत्ता थाना लाल कुआं हल्द्वानी उत्तराखंड बताया, तब पुलिस ने इस व्यक्ति के परिजनों से संपर्क किया और इस व्यक्ति को परिजनों के सुपुर्द करके परिवार को लौटाईं खुशियां।