गाजीपुर: ‘दंगों में खुली जीप पर घूमने वाले योगी सरकार में घुटनों पर’ – पीएम नरेन्‍द्र मोदी

गाजीपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहर के आरटीआइ मैदान में एक घंटे तक जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम को सुनने के लिए जिले की सभी सातों विधानसभा सीटों से लोगों के आने का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया था। दोपहर तक पूरा आरटीआइ मैदान भर गया। जोश से लबरेज कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करते हुए पहुंच रहे हैं। शहीदों की धरती गाजीपुर और यहां के शहीदों को पीएम ने नमन किया। अब्‍दुल हमीद और उनकी पत्‍नी को भी मंच से याद किया। मनोज सिन्‍हा का जिक्र करते हुए कश्‍मीर को जिम्‍मेदारी से संभालने की जानकारी दी। कहा कि पांच चरणों में बीजेपी परचम लहरा चुकी है। बीजेपी की सरकार बननी तय है। लेकिन, रिकार्ड जीत दिलाने के लिए एक एक वोट जरूरी है। डबल इंजन सरकार को आपका एक एक वोट ऊर्जा देगा। आपका एक एक वोट उन घोर परिवार वादियों को करारा जवाब देगा। घोर परिवारवादी इस क्षेत्र को इतने दशकों से विकास से वंचित रखा। गाजीपुर की धरती का संबंध मां गंगा और कृषि से है। परिवारवादियों ने अपने स्‍वार्थ में पुण्‍य क्षेत्र की पहचान बदल कर रख दी। उनके शासन में यहां की पहचान गहमर के वीर न होकर माफ‍िया और बाहुबली बन गए थे। क्‍या आपको यह प‍हचान मंजूर है। यह पहचान बदलने का मौका है। इनको सजा दोगे? आपको परिवारवादियों को सत्‍ता से बाहर रखना है। हमारे दलित भाई बहनों की बस्‍ती जलाई थी। गाजीपुर के लोग भूले नहीं हैं वह दौर जब हमारे होनहार साथी कृष्‍णानंद राय को गोलियों से छलनी कर दिया था। दंगों में खुली जीप पर घूमने वाले योगी सरकार में घुटनों पर आ गए हैं। गाजीपुर को उन परिस्‍थतियों से निकालकर योगी शासन में गाजीपुर के विकास को प्राथमिकता दी गई है। पीएम ने कहा कि गाजीपुर का विकास सरकार की प्राथमिकता थी और इसे करके रहेंगे। आपकी बहुत बड़ी समस्‍या कनेक्टिविटी की थी। इस पर विशेष ध्‍यान दे रहे हैं आपको याद होगा ताड़ीघाट पुल की मांग छह दशक से थी। हमारी सरकार ने इसे पूरा किया। पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे भी शुरू हो चुका है। हमने गाजीपुर को काशी से जोड़ने के लिए हाइवे का निर्माण कराया है। गाजीपुर को बलिया और आजमगढ़ और बक्‍सर से जोड़ने का ऐसा ही काम चल रहा है। घोर परिवारवादियों ने सुख चैन भरा जीवन गुजारा है। महलों में जीना गाड़‍ियों में घूमने वाले गरीब का दर्द नहीं समझ सकते। जिनको चूल्‍हे के धुएं से तकलीफ होती है उनका दर्द नहीं समझ आता। गाजीपुर में उज्‍जवला का गैस कनेक्‍शन दिया। शौचालय की बात करने पर मजाक उड़ाते थे। परिवारवादियों को माताओं बहनों की पीड़ा समझ नहीं आई। इस पीड़ा को दूर करने का काम सरकार ने किया। यह असंवेदनशील लोग हैं। यह असहायों के पेंशन का पैसा खा जाते थे। आज भी इनकी नजर आपके विकास के लिए आए पैसों पर है। इसलिए आपको इन परिवारवादियों से सावधान रहना जरूरी है। गरीब के घर में बीमारी आ जाए तो इलाज का खर्च परिवार की कमर तोड़ देता है। हमने गाजीपुर के सवा दो लाख से अधिक गरीब परिवारों को आयुष्‍मान भारत का सुरक्षा चक्र दिया है। लोगों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मिले इसके लिए पूर्वांचल में मेडिकल कालेजों की संख्‍या बढ़ाई है। महर्षि विश्‍वामित्र कालेज भी खोला गया। विश्‍वनाथ सिंह गहमरी की बात याद आती है। नेहरू जी के सामने उन्‍होंने याद दिलाया था कि गरीब लोग गोबर से गेहूं निकालकर अपना पेट भरने को मजबूर हैं। जिसके दिल में गरीब के लिए दर्द हो वह गरीब को कभी ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ सकता। पूरी दुनिया और मानव जाति पर कोरोना ने संकट पैदा किया। सौ साल का संकट था। लेकिन, हमने किसी गरीब को भूखा नहीं सोने दिया।

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