क्यों छोड़कर इतने दूर चले गए, जहां से कभी नहीं आती चिट्ठी ना संदेश एक पिता का दर्द,, नवीन के पिता शेखर गौड़ा

गाजियाबाद। लायक हुसैन । तू ही तो हमारा किनारा था,तू ही तो हमारा सहारा था।। तू ही तो हमारी आंखों का तारा था,नवीन तू ही तो अपने परिवार का किनारा था,तू ही तो परिवार का सहारा था, तू ही तो माँ की आंख का तारा था, यह कैसी अनहोनी थी, हर भारतवासी की आँखे हुई नम, छोड़ गया जो तू अपने माँ-बाप को, कैसे जिएगी अब तेरी माँ, नवीन तुम्हारी माँ तो यही सोचती है, क्या कभी अंबर से सूर्य बिछड़ता है, क्या कभी बिन बाती दीपक जलता है, फिर क्यों बिछड़ गया हमसे तू, नवीन तू ही तो अपने मां-बाप के जीवन का सूरज था, तेरे जीवन का सूरज क्या अस्त हुआ, तुम्हारे माता-पिता के जीवन में अंधकार ही अंधकार हो गया, तुम अपने माता पिता को,अपने दादा को, क्यों छोड़कर इतने दूर चले गए, जहां से कभी नहीं आती चिट्ठी ना संदेश। अब से 2 दिन पहले ही तुम्हारा वीडियो कॉल आया था, तुमसे बात करते हुए तुम्हारे दादा की आवाज भर्रा रही थी, गला सूख रहा था, तुम्हारे पिता भी तुमको वीडियो कॉल पर देखकर तुमसे बात करके अपनी आंखों से आंसू छुपाने की कोशिश कर रहे थे, तुम्हारी माँ के दिल में डर था कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए और अनहोनी हो ही गई, जिस दिन तुम्हारा यूक्रेन के खारकीव के मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ था, तुम्हारे माता-पिता को ऐसा लगा होगा, उनका बुढ़ापा आसानी से कट जाएगा, जब बेटा डॉक्टर बन जाता है तो बूढ़े माँ-बाप की चिंता बहुत कम हो जाती है, अगर बीमार पड़े तो बेटा डॉक्टर है, नवीन तुमको डॉक्टर इसलिए बनाने के लिए भेजा था की जब तुम डॉक्टर बन जाओगे तुम तमाम लोगों का इलाज करके लोगों का दुख दर्द दूर करोगे, लोगों के ज़ख्मों पर मरहम लगाओगे और ज़ख्मों को ठीक करोगे,पर जो ज़ख्म तुम देकर गए हो उसका इलाज इस दुनिया में किसी डॉक्टर के पास नहीं है,
यूक्रेन के खारकीव में रूसी हमले में भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई,नवीन कर्नाटक का रहने वाला था, नवीन के पिता शेखर गौड़ा ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे के साथ सुबह ही फोन पर बात की थी और वह हर दिन दो या तीन बार फोन पर बात करते थे, लेकिन मंगलवार को नवीन की मौत की खबर आ गई,
खारकीव में हुई नवीन की मौत
यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी हैं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि खारकीव में जो हवाई हमले हो रहे हैं,उसमें एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई है। दुनियां ने हिरोशिमा से सबक नहीं लिया, शायद तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी अपने चरम पर है, आखिर क्यों होता है युद्ध ? खून की नदियां बहने लगती हैं,चारों ओर इंसानी मांस के टुकड़े बिखर जाते हैं,अनगिनत लोग युद्ध के कारण अपने प्राणों की आहुति देते हैं, ऐसा ही कुछ यूक्रेन और रूस के युद्ध में देखने को मिल रहा है।यूक्रेन पर रूसी हमले से यूक्रेन तबाही की ओर बढ़ता जा रहा है घरों से उठती हुई आग की लपटें खंडहर होती इमारतें,बिजली गुल अंधेरे के साए में जी रहे यूक्रेन के लोग, लाशों के ढेर लगते हुए, गिरती हुई इमारतें, रेलवे ठप,ठप हुई हवाई यात्राएं, बंकरो में कैद लोग,किसे सुनाएं अपनी पीड़ाएं, कितना खौफनाक मंजर है, चारों ओर धमाकों की आवाज़ें चीख़ते लोग,मौत से छुपते लोग। क्यों होता है युद्ध,, आखिर युद्ध से किसको होता है फायदा, गोला बारूद,बंदूक, गोली, हवाई जहाज पनडुब्बी बेचने का व्यापार दुनियां का सबसे बड़ा व्यापार है, इस व्यापार में सबसे ज्यादा पैसा, और इस व्यापार का महारथी है अमेरिका, यूक्रेन और रूस के युद्ध में करोड़ों रुपए का असलहा बेचेगा अमरीका, लोग मरेंगे, कोई अपना बेटा खोएगा तो कोई अपना पति और इसी युद्ध में फायदे में रहेगा अमेरिका आखिर कब तक ऐसा होता रहेगा,
माना अंधेरा बहुत गहरा है,
हर और डर का पहरा है।
न जाने किस कोने
से मौत आ जाए इस बात से दिल ठहरा है।।

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