कई आदतें कर सकती हैं आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित

नई दिल्ली । सुनने की शक्ति एक ऐसी शक्ति है जिसके माध्यम से दुनिया से हमारा संपर्क बनता है। तो इसका कमजोर होना या न होना काफी हद तक हमारी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। तो आज विश्व श्रवण दिवस के मौके पर जानेंगे कुछ ऐसी बातों और आदतों के बारे में जो हमारी इस जरूरी ज्ञानेंद्रिय को बहुत ज्यादा हद तक प्रभावित कर सकती हैं।कानों को साफ रखना अच्छी बात है लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा ईयरबड्स का इस्तेमाल उतना ही खतरनाक। कभी नहाने के बाद कान में चले गए पानी को निकालने के लिए तो कभी अंदर जमे वैक्स को निकालने के लिए, किसी भी मकसद से हर वक्त इसे यूज़ करना कानों की सेहत के लिए सही नहीं है। दो या तीन महीने में ईएनटी हॉस्पिटल जाकर कानों की सफाई करवाना ज्यादा अच्छा रहेगा। बहुत तेज म्यूजिक सुनने और ऑडियो डिवाइसेज़ के ज्यादा इस्तेमाल से कान के काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है। तो इस बात का ध्यान रखें। कभी-कभार सुनने में कोई हर्ज नहीं लेकिन आप अक्सर ही लाउड म्यूज़िक सुनते हैं तो कुछ ही समय बाद आसपास की ध्वनियां धीमी लगने लगती हैं ऐसा महसूस किया होगा आपने। तो लगातार ऐसा करने से कब सुनने की क्षमता खत्म हो जाती है आपको पता भी नहीं चलेगा। वातावरण में मौजूद नमी के साथ ही अगर आप भी कानों को अक्सर गीला रखते हैं तो इससे कान में फंगल इंफेक्शन  हो सकता है। वैसे ये समस्या ज्यादातर तैराकी करने वालों में देखने को मिलती है। इस रोग में कान की नलिका के बाहरी भाग में संक्रमण हो जाता है। संक्रमण की वजह एस्पर्गिलस व कैंडिडा नामक जीवाणु होते हैं जो नमी की वजह से तेजी से फैलने लगते हैं।एक्सरसाइज करने से बॉडी का हर एक हिस्सा फिट एंड फाइन रहता है। जिसमें आपके कान भी शामिल हैं। एक्सरसाइज करने से कान में भी ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से होता है। जो कान के फंक्शन को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी है।

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