दिल की बीमारी दूर करेगा विदेशी साग, नौणी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र ने लेट्यूस उगाने में हासिल की सफलता

नौणी। हृदय संबंधित बीमारियों से पीडि़त लोगों के लिए प्रसन्नता की खबर है। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र ने हृदय संबंधित बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए विदेशी साग (लेट्यूस) उगाने में सफलता हासिल की है। यह साग जहां खाने में स्वादिष्ट होता है, वहीं दिल की बीमारियों को दूर करने के लिए सबसे बेहतर माना जा रहा है। इस साग में विटामिन ए है, जो कि एंटी ऑक्सीडेंट का काम करेगा। यह दिल की बीमारियों को जहां दूर करेगा, वहीं इसके नियमित सेवन से वजन भी कम होगा। क्योंकि इससे पाचन शक्ति भी अच्छी होगी। खास बात यह है कि विदेशी साग ठंड के बजाय गर्मियों में ज्यादा अच्छी पैदावार दे रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट ने इसे अपनी जमीन पर तैयार किया है। वहीं कंडाघाट के कुछ किसानों को भी इसे ट्रायल के रूप में दिया था, जिसका सकारात्मक परिणाम निकला है।इसकी कीमत बाजार में 120 से 180 रुपए प्रति किलो रहेगी। बता दें कि विदेशों में इस साग को उगाया जा रहा था, मगर अब यह प्रदेश में भी तैयार हो सकेगा। इस साग की फसल 40 दिन के भीतर तैयार हो जाती है। यह देखने में बैंगनी रंग का है और इसका इस्तेमाल सलाद, बर्गर, सूप समेत अन्य खाद्य वस्तुओं में किया जाता है। हालांकि अभी इसकी खेती छोटे स्तर पर की जा रही है। आने वाले समय में इसके फायदे को देखते हुए इसकी खेती का क्षेत्र भी बढ़ सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट की वरिष्ठ वैज्ञानिक सब्जी विभाग सीमा ठाकुर ने बताया कि इस साग में कई पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। इसके पत्तों में पाया जाने वाला विटामिन ए दिल के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। यह दिल को मजबूत रखता है। कंडाघाट क्षेत्र के कई किसानों ने भी इस बार इसे ट्रायल आधार पर लगाया था, जो सफल रहा है। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वद्यालय द्वारा डा. परविंद्र कौशल ने बताया कि विदेशों में इस साग को उगाया जा रहा था, अब प्रदेश में भी तैयार हो सकेगा व नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस पर शोध कार्य कर रहे हैं

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