जयराम ही होंगे भाजपा का चेहरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़ा ऐलान, न मुख्यमंत्री बदलेंगे, न मंत्री

शिमला। आम आदमी पार्टी के आरोपों और सभी तरह की अटकलों को खारिज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कहा है कि हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं और जयराम ठाकुर ही रहेंगे। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही है। अगले विधानसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में ही होंगे। भाजपा में कोई टूट नहीं है। सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल है। इसलिए सब एक होकर चुनाव लड़ेंगे और बारी-बारी की सरकार के क्रम को तोड़ेंगे। जेपी नड्डा हिमाचल प्रवास के दौरान शिमला में रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। जेपी नड्डा ने यह भी साफ कर दिया कि हिमाचल सरकार की कैबिनेट में कोई फेरबदल नहीं हो रहा। उनसे जब पूछा गया कि आम आदमी पार्टी के नेता हिमाचल में अनुराग ठाकुर को बतौर चीफ मिनिस्टर भेजने की बातें कर रहे हैं, तो श्री नड्डा ने जवाब दिया कि आम आदमी पार्टी के लोग आपा खो चुके हैं। उनसे इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं है। हिमाचल में आम आदमी पार्टी कितनी चुनौती पेश करेगी? यह पूछे जाने पर नड्डा ने कहा कि गोवा, यूपी और उत्तराखंड में भाजपा के खिलाफ लड़कर आम आदमी पार्टी जमानत जब्त करवा चुकी है। यहां भी यही हश्र होना है। यूपी, उत्तराखंड और गोवा में तो इनके पोस्टर, होर्डिंग देखकर ऐसे लगता था, जैसे चुनाव यही लड़ रहे हैं। लेकिन 377 सीटों पर जमानत भी नहीं बचा पाए। नड्डा ने दावा किया कि पंजाब में भी अब आने वाले चुनावों में आम आदमी पार्टी का मुकाबला भाजपा से ही होगा। इससे पहले हम वहां गठबंधन में लड़ते थे और 117 में से सिर्फ शहरों की 23 सीटों पर भाजपा थी। अब ऐसे नहीं होगा। महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर जेपी नड्डा ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए भारत सरकार के पास भी सिर्फ एक वोट है। बाकी वोट राज्यों के हैं। तो इस बारे में सभी को मिलकर फैसला लेना होगा। नड्डा ने दोहराया कि केंद्र में जब भी भाजपा सत्ता में आई है, तब तब हिमाचल मुख्यधारा में आया है। दुर्भाग्यवश जब-जब कांग्रेस केंद्र में सरकार में आई है, हिमाचल से उसका हक छीना गया है। उन्होंने इसके लिए तीन उदाहरण भी दिए। जेपी नड्डा ने कहा कि हिमाचल को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा प्राप्त था, जिसके तहत 90ः10 में अनुदान मिलता था। कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने इसे वापस लेकर 60ः40 में अनुदान कर दिया, जिसे 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद बहाल किया। वाजपेयी सरकार ने हिमाचल को 10 साल के लिए औद्योगिक पैकेज दिया था, लेकिन कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने सत्ता में आने पर आठ साल में ही इसे वापस ले लिया। रोहतांग की अटल टनल का शिलान्यास 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था, लेकिन 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के दौरान इसके काम में रोड़े अटकाए जाते रहे। इसे बाद में नरेंद्र मोदी ने पूरा किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को सीमित करने की कोशिश की। यदि कांग्रेस की सरकार होती तो हिमाचल को एम्स जैसा बड़ा स्थान नहीं मिलता। जेपी नड्डा ने डबल इंजन की सरकार का अर्थ भी समझाया। उन्होंने आयुष्मान भारत के साथ हिम केयर योजना शुरू करने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तारीफ भी की। नड्डा ने दोहराया कि भाजपा के लिए सत्ता माध्यम है, लक्ष्य नहीं। भाजपा सेवा के भाव से सरकार में आती है और गरीब आदमी की जिंदगी बदलने पर काम करती है। इसी कारण हिमाचल के लोग इस बार दोबारा भाजपा को आशीर्वाद देंगे। जेपी नड्डा से जब यह पूछा गया कि एक परिवार में एक टिकट के सिद्धांत को क्या विधानसभा चुनाव में प्रेम कुमार धूमल पर लागू करेंगे। नड्डा ने कहा कि पार्टी ने जो सिद्धांत तय किए हैं, उनकी आप लोग याद दिलाते रहते हैं, यह अच्छी बात है। धूमल जी का जन्मदिन है। उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। नड्डा से जब यह पूछा गया कि क्या धूमल की हार की जांच भी करवाएंगे, जैसे कि धामी के मामले में हुआ तो जेपी नड्डा ने जवाब दिया इस बारे में वह उनसे खुद बात कर लेंगे। उनसे बात होती रहती है। आने वाले विधानसभा चुनाव में कई विधायकों के टिकट बदले जाने की अटकलों पर श्री नड्डा ने कहा कि जीत के लिए पार्टी हर संभव फैसले लेगी। भाजपा 10 फीसदी टिकट तो सामान्य स्थितियों में भी बदल देती है।

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