इस्लामाबाद । पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने जनता का हाल बेहाल कर दिया है। देश में लगातार बढ़ती महंगाई के कारण शहबाज सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने पर जोर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि चाहे कुछ भी हो, जो भी पार्टी सत्ता में आती है। उसे अर्थव्यवस्था के लिए निर्धारित लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए।देश की राजधानी में एक दिवसीय बजट पूर्व व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को राजनीतिक स्थिरता के बिना सुव्यवस्थित नहीं किया जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक स्थिरता के बिना आर्थिक स्थिरता नहीं हो सकती है, चाहे कुछ भी हो जाए, जो भी पार्टी सत्ता में आती है उसे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ध्यान देना जरुरी है। प्रधानमंत्री ने कहा हमें इसकी आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि यह पाकिस्तान के भाग्य को बदल सकता है, जिसे बाद में निर्यात किया जाएगा और राष्ट्रीय खजाने को मदद मिलेगी। भारत के साथ देश के आइटी उद्योग की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लगभग 200 बिलियन अमरीकी डालर का उत्पादन करता है, जबकि पाकिस्तान का उद्योग लगभग 2.5 बिलियन अमरीकी डालर का है। उन्होंने कहा हमें विशेष निर्यात औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जाना चाहिए।पीएम शहबाज शरीफ ने 75 साल पहले पाकिस्तान के निर्माण के शुरुआती 25 वर्षों में आर्थिक विकास के बीच के अंतर पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उसके बाद के आर्थिक विकास जो भी हुए हैं, वह निश्चित तौर पर होने चाहिए थे। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने की आवश्यकता है, क्योंकि जब लोग अविकसित से विकसित शहरों की यात्रा करते हैं, तो वे उस जगह के संसाधनों पर बोझ बन जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा पाकिस्तान की 65 फीसदी आबादी वाले ग्रामीण इलाकों का विकास किया जाना चाहिए। यह तभी हो सकता है जब हमारे बच्चों को वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। पीएम ने कहा कि सरकार सुगठित औद्योगिक क्षेत्र बनाएगी और निर्यात बढ़ाने के लिए विकसित क्षेत्र को निवेशकों के हवाले कर दिया जाना चाहिए। सरकार द्वारा लिए जा रहे कड़े फैसलों के बारे में बात करते हुए पीएम शहबाज ने कहा कि गैर-उत्पादक संपत्तियों पर कर लगाया जाना चाहिए। अचल संपत्ति में अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया जाना चाहिए।