गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे लिए हर बच्चा अमूल्य धरोहर है। उन्हें सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। लंबी लड़ाई के बाद इंसेफ्लाइटिस से जंग जीती गई है। 40 वर्षों में इस महामारी ने लगभग 50 हजार बच्चों को निगल लिया। संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान में अंतर विभागीय समन्वय के साथ सामूहिक प्रयास से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया गया है। इस बीमारी के नियंत्रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन की भी बड़ी भूमिका रही है।95 प्रतिशत इंसेफ्लाइटिस पर हो चुकी है रोकथाम: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा अब इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों की 95 प्रतिशत तक रोकथाम हो चुकी है। शेष पांच प्रतिशत बच्चों को भी बचाना है। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम सेनानी व प्रख्यात चिकित्सक डॉ बीसी राय की जयंती पर उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए सभी चिकित्सकों को डॉक्टर्स डे की शुभकामना दी। साथ ही हरी झंडी दिखाकर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की रैली को रवाना कियाआदित्यनाथ ने कहा इंसेफ्लाइटिस नियंत्रण के लिए जगह-जगह इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर खोले गए। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाए गए। बाल रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया गया। अभियान के दौरान लोगों को बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक किया गया। इन सब की वजह से इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण पाया गया है।समय से कराएं उपचार: उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस बीमारी में यदि समय से उपचार शुरू हो जाए तो यह ठीक हो जाती है। उपचार में विलंब होने पर यदि बच्चा ठीक भी हो गया तो शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग हो जाता है। इसके लिए कंबाइंड रिहैबिलिटेशन सेंटर स्थापित किया गया है लेकिन बेहतर यह है कि हम बीमारी होने ही न दें। यह बीमारी हो जाए तो तत्काल उपचार शुरू करा दें। प्रदेश के अंदर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां हैं। कहीं इंसेफ्लाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व कहीं कालाजार का प्रकोप था। कालाजार व पोलियो पूरी तरह नियंत्रित हो चुकी है। मलेरिया पर हम नियंत्रण करने के करीब हैं। अब हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास से डेंगू को नियंत्रित करना है।