नई दिल्ली, एजेंसी। तीव्र गति से वाहन चलाने वाले व अपनी या सामने वाले की लापरवाही के कारण लोग अक्सर सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। देश में रोजाना कई रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट किए जाते हैं। छोटी सी गलती जीवन को संकट में डाल देती है। भारत में 2021 में हुए सड़क हादसों की ताजा रिपोर्ट सामने आई है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि देश में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा औसतन 426 लोग प्रतिदिन या हर घंटे 18 लोगों का है।राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, ‘भारत में दुर्घटना से होने वाली मौतें और आत्महत्याएं – 2021’ शीर्षक के अनुसार, पिछले साल देश भर में 4.03 लाख ‘सड़क दुर्घटनाओं’ में मौतों के अलावा 3.71 लाख लोग घायल भी हुए थे।आपको बता दें कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जबकि सड़क दुर्घटनाओं और घायल लोगों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है।आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 (0.53) में प्रति हजार वाहनों की मृत्यु की दर 2020 (0.45) और 2019 (0.52) की तुलना में अधिक थी, लेकिन 2018 (0.56) और 2017 (0.59) से कम थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2020 में, COVID-19 लॉकडाउन के वर्ष, देश में 3.54 लाख सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 1.33 लाख लोगों की मौत हुई, जबकि अन्य 3.35 लाख घायल हुए थे। वहीं 2019 में, 4.37 लाख सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 1.54 लाख लोग मारे गए, जबकि अन्य 4.39 लाख घायल हुए।बात करें 2018 के आंकड़ो की तो इस वर्ष 4.45 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1.52 लाख लोगों की जान चली गई, जबकि अन्य 4.46 लाख घायल हो गए। वहीं एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में यह संख्या 4.45 लाख दुर्घटनाओं, 1.50 लाख मौतों और 4.56 लाख घायलों की थी।एनसीआरबी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘आम तौर पर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की तुलना में अधिक चोटें आती हैं, लेकिन मिजोरम, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की तुलना में अधिक मौतें होती हैं।’ एनसीआरबी ने आगे कहा कि मिजोरम में 64 सड़क दुर्घटनाओं में 64 मौतें और 28 घायल हुए, जबकि पंजाब में 6,097 सड़क दुर्घटनाओं में 4,516 मौतें और 3,034 घायल हुए।