विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में ढेर

कानपुर 10 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह भौंती क्षेत्र के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया।

कोरोना में सोसल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुआ एनकाउंटर

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने पत्रकारों को बताया कि विकास को गुरूवार को उज्जैन के महाकाल क्षेत्र में गुरूवार को गिरफ्तार किया गया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर सुरक्षा बल कानपुर लेकर आ रहे थे कि भौंती क्षेत्र के पास वाहन पलट गया जिससे पुलिस और एसटीएफ के चार जवान घायल हो गये। 

उन्होने बताया कि जवानो के घायल होते ही विकास ने एक जवान की पिस्टल लेकर भागने का प्रयास किया। पुलिस टीम ने उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिये कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जबाबी फायरिंग की गयी जिसमें विकास घायल हो गया। उसे लाला लाजपत राय अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया। 

कार नहीं पलटी,सरकार पलटने से बचायी गयी है : अखिलेश

उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्टवांटेड अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को पुलिस अभिरक्षा में मुठभेड़ के दौरान हुयी मौत पर सवाल खड़े करते हुये विपक्ष ने सरकार पर प्रहार करने शुरू कर दिये हैं। 

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुये ट्वीट किया “ दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। ”

उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट किया “जिसका था अंदेशा वही हो गया,कानपुर काण्ड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुँह खोलता तो कई बड़े नेता और अफ़सर नहीं रहते अपना मुँह खोलने लायक! कोई तो बड़ा शख़्स है,इसके पीछे जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता उससे पहले बंद कर दी गयी वो ज़ुबान। ”

कानून व्यवस्था के मामले में इन दिनोे यूपी सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।

गौरतलब है कि कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने गयी पुलिस टीम पर विकास और उसके गुर्गो ने जमकर फायरिंग की थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे जबकि सात घायल हो गये थे। विकास पर इससे पहले 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। 

Related Articles