पराली का उचित तरीके से निस्तारण करना जरुरी

उत्तर प्रदेश ! पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं से यह स्पष्ट है कि ज्यादातर किसान सरकार की अपील और सुझाव को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं। इस सीजन में ऐसा लग रहा था कि सरकार के तमाम प्रयासों का असर दिख रहा है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने के जितने केस सामने आए थे बीते साल इसी अवधि के दौरान चार गुना से भी ज्यादा केस दर्ज किए गए थे। लेकिन यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि त्योहारों की आड़ में किसान पराली को आग ज्यादा लगाएंगे, वैसा ही हुआ। विजयादशी के दिन इस सीजन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 660 केस दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में इस साल 14 अक्टूबर तक कुल 1286 मामले सामने आए थे, लेकिन 16 अक्टूबर तक बढ़कर 2375 हो गए। यह अत्यंत चिंताजनक है।

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