श्रीनगर ! जम्मू कश्मीर के पुलवामा से हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल सामने आई है। यहां पुलवामा के वाहीबुघ गांव में रहने वाले कश्मीरी पंडित के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार स्थानीय मुस्लिमों ने किया। बताया जा रहा है कि वाहीबुघ में एक ही कश्मीरी पंडित का परिवार रहता है। 80 साल के कन्या लाल अपने परिवार के साथ वाहीबुघ में रहते थे। कन्या लाल का निधन हो गया। इसके बाद पूरे गांव ने इक_ा होकर हिंदू रीति रिवाज से कन्या लाल का अंतिम संस्कार किया। कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के बाद भी कन्या लाल यही रहे।उनके तमाम रिश्तेदार और पड़ोसियों ने भी गांव छोड़ दिया था, तमाम खतरों के बावजूद कन्या लाल कभी नहीं गए। कन्या लाल के भाई मनोज ने कहा कि वह गांव वालों के आभारी हैं, उन्होंने कश्मीर में धार्मिक सद्भाव को जीवित रखा। इसके लिए ही देश को जाना जाता है। मनोज ने कहा कि मैं जम्मू से आया। मैं गांव वालों का आभारी हूं कि उन्होंने अंतिम संस्कार में मदद की। कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर हाल के हमलों के बाद डर का मौहाल पैदा हुआ है। हालांकि, पुलवामा में हिंदू मुस्लिम धार्मिक सद्भाव के इस उदाहरण ने घाटी में रहने वाले उन सभी कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर उम्मीद दी है।
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