प्रयागराज । इफको केंद्र और साधन सहकारी समितियों में डीएपी खत्म हो गई है। बाजार में मोजैक की डीएपी मौजूद है, लेकिन इसकी कालाबाजारी चरम पर है। 1200 रुपये की कीमत वाली डीएपी को 1600 रुपए में बेचा जा रहा है। जो किसान अधिक दाम नहीं दे रहे, उन्हें डीएपी खत्म होने की बात कहकर दुकान से वापस कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा जारी नंबर पर शिकायतें भी आ रही हैं। लेकिन, कोई भी किसान लिखित शिकायत कर लोकल दुकानदारों से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहता। डीएपी नहीं मिलने के बावजूद विक्रय केंद्रों पर भीड़ और हंगामे का क्रम जारी है। हंडिया, फूलपुर, बहरिया, बहादुरपुर, सिंकदरा, सोरांव, होलागढ़, मऊआइमा, नवाबगंज समेत गंगापार के सभी इलाकों में बाजार में डीएपी की कालाबाजारी हो रही है।
किसी भी सरकारी केंद्र पर डीएपी न मिल पाने के कारण किसानों को मजबूरी में निजी दुकानों पर जाना पड़ रहा है। इफको केंद्र और सोसइटी में डीएपी खत्म होने के बाद किसानों को अब डीएपी की जगह एनपीके दी जा रही है। लेकिन, किसान एनपीके खेत में डालने से कतरा रहे हैं।जनपद में इस समय विक्रय के लिए 93 केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन कहीं भी डीएपी उपलब्ध नहीं है और इस हफ्ते डीएपी की कमी बरकरार रहेगी। बुधवार को जिला कृषि अधिकारी समेत अधिकारियों ने ग्रामीण इलाकों का दौरा कर विक्रय केंद्रों पर एनपीके खाद बंटवाई । केंद्रों के बाहर कृषि विभाग ने भी अपने कर्मचारी बैठा दिए हैं, जो पंजीकृत किसानों का सत्यापन कर रहे हैं।