प्रयागराज। लंबे समय बाद डेंगू मरीजों के मिलने का आंकड़ा प्रयागराज में दहाई से नीचे आया है। इसके अब और भी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि वातावरण में धीरे धीरे ठंड बढ़ने लगी है। वहीं डेंगू इस बार डरावना रहा क्योंकि इसका आंकड़ा एक हजार पार कर गया है। अब तक से एक दर्जन लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि डेंगू से मौत का सरकारी आंकड़ा केवल दो ही है।सालाना आंकड़े बताते हैं कि डेंगू हर साल दीपावली से पहले थम जाता है। माना जाता है कि दिन के वातावरण में तापमान में गिरावट आने पर डेंगू वाले मच्छरों की सक्रियता कम हो जाती है। डेंगू के मच्छर हमेशा दिन में सक्रिय रहते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मच्छरों की सक्रियता बराबर बनी रही और दीपावली पर्व बीतने के तीन सप्ताह बाद भी डेंगू के मरीज प्रत्येक दिन 12 से 15 मिलते रहे। इससे मलेरिया विभाग भी सकते में रहा कि ऐसा क्यों हो रहा है।
फिलहाल 23 नवंबर से डेंगू मरीजों की तादाद दहाई से घटकर 9 पर आ गई है। इससे मलेरिया विभाग भी राहत महसूस कर रहा है।2021 में डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित गोविंदपुर, शिवकुटी, बघाड़ा तेलियरगंज, सलोरी मोहल्ले रहे। इन क्षेत्रों में लगभग रोज किसी न किसी घर में लोगों को डेंगू होता रहा। हालांकि जनपद में अन्य सभी क्षेत्र भी प्रभावित रहे लेकिन इन पांच क्षेत्रों में प्रभाव जितना रहा उतना कहीं और नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों में सोरांव और कोराओं ज्यादा प्रभावित रहे। इस बीच ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में एक दर्जन लोगों की मौत से घबराहट भी फैली लेकिन अब डेंगू की रफ्तार कम होने से जनपद को राहत मिलने वाली है।सालाना आंकड़े बताते हैं कि डेंगू हर साल दीपावली से पहले थम जाता है। माना जाता है कि दिन के वातावरण में तापमान में गिरावट आने पर डेंगू वाले मच्छरों की सक्रियता कम हो जाती है। डेंगू के मच्छर हमेशा दिन में सक्रिय रहते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मच्छरों की सक्रियता बराबर बनी रही और दीपावली पर्व बीतने के तीन सप्ताह बाद भी डेंगू के मरीज प्रत्येक दिन 12 से 15 मिलते रहे। इससे मलेरिया विभाग भी सकते में रहा कि ऐसा क्यों हो रहा है। फिलहाल 23 नवंबर से डेंगू मरीजों की तादाद दहाई से घटकर 9 पर आ गई है। इससे मलेरिया विभाग भी राहत महसूस कर रहा है।