दो बैंक भी जाएंगे प्राइवेट हाथों में

नई दिल्‍ली। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के प्राइवेटाइजेशन पर विचार कर रही है। इसी के चलते सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने की तैयारी है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण में सरकार को आसानी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में 2021-22 का बजट पेश करते हुए विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का रास्ता आसान करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।

The Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Smt. Nirmala Sitharaman addressing a Press Conference, in New Delhi on June 28, 2021.

चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले बैंकिंग कानून विधेयक, 2021 के जरिये पीएसबी में न्यूनतम सरकारी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से घटाकर 26 प्रतिशत करने की संभावना है। हालांकि उसने कहा कि इस विधेयक को पेश करने के समय के बारे में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल ही करेगा। विनिवेश पर गठित सचिवों के मुख्य समूह की तरफ से जिन बैंकों का नाम सुझाया गया है, उनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के नाम शामिल हैं, जिनके निजीकरण पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि निजीकरण से पहले ये बैंक अपने कर्मचारियों के लिए आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना ला सकते हैं

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