चुनाव कर्मी माने जाएंगे फ्रंटलाइन वर्कर

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ऐलान किया कि जिन राज्यों में आगामी कुछ माहों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां चुनावी ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन के प्रिकॉशन डोज़ के लिए बुजुर्गों को किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं पेश करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर व ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर कई उपायों का ऐलान किया है। इनमें तीन जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना रोधी वैक्सीन लगाने और गंभीर रोगों से पीडि़त 60 साल व इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का तीसरा व प्रिकॉशन डोज़ लगाया जाएगा। इसे लेकर मंगलवार को मंत्रालय ने कुछ स्पष्टीकरण जारी किए। प्रिकॉशन डोज़ के पात्र बुजुर्गों को टीके की अतिरिक्त खुराक लेते वक्त डाक्टर का किसी तरह का कोई सर्टिफिकेट पेश नहीं करना होगा।॒मंत्रालय ने कहा कि ऐसे बुजुर्गों से उम्मीद की गई है कि प्रिकॉशन डोज़ लेने से पहले वे अपने डॉक्टर की सलाह ले लें।15 से 18 साल तक के बच्चों व किशोरों को टीके ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से या ऑनसाइट बुकिंग दोनों तरीके से लगेंगे। वॉक इन टीकाकरण स्लॉट की उपलब्धता को देख किया जाएगा।वैक्सीन लगाने के दौरान किसी भी भ्रम से बचने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष रूप से 15-18 आयु वर्ग के लिए कुछ समर्पित कोविड टीकाकरण केंद्र बनाने के लिए कहा है। केंद्र ने कहा कि इस श्रेणी के लाभार्थियों के लिए अलग कतार हो। इन्हें टीका लगवाने के आधे घंटे तक केंद्र पर निगरानी में रहना होगा। वे 28 दिनों के बाद ही दूसरी खुराक के लिए पात्र होंगे

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