ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कैंसर का पता लगाने के संबंध में एक क्रांतिकारी शोध किया है, जिसके जरिए एक साधारण और सस्ती रक्त जांच के जरिए कैंसर का समय रहते पता लगाना संभव हो सकेगा।ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध दल ने कैंसर की जांच के लिए चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों के जरिए रक्त में मेटाबोलिटिक्स को मापने में सफलता हासिल की है। मेटाबोलिक या उपापचय प्रक्रिया में निकलने वाला अंतिम उत्पाद मेटाबोलिटिक्स है। गौरतलब है कि जीवों में जीवनयापन के लिए होने वाली रसायनिक प्रतिक्रियाओं को उपापचय कहते हैं। स्वस्थ लोगों, स्थानीयकृत कैंसर वाले लोगों और मेटास्टेटिक कैंसर के पीड़ित लोगों में चयापचय संबंधी प्रोफाइल होते हैं जिसे शोधदल ने गणनाओं के उपयोग से अलग किया। परीक्षण करने वाली टीम का कहना है कि यह कई तरह के कैंसर का पता लगाने में कारगर है। इतना ही नहीं, ऐसे कैंसर रोगियों में भी मर्ज का पता लगा सकता है, जिनके शरीर में रोग से जुड़े कोई विशेष लक्षण नहीं होते।शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर पहचानने की यह जांच बहुत तीव्र और सस्ती होने के कारण प्रारंभिक स्तर पर ही रोग के निदान में मददगार होगी। साथ ही, कैंसर के लेट स्टेज इलाज की सफलता दर में भी इससे सुधार में मदद मिलेगी।ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कैंसर विशेषज्ञ एवं अग्रणी शोधकर्ता जेम्स लार्किन समझाते हैं कि विभिन्न चयापचय प्रक्रियाओं के कारण कैंसर कोशिकाओं की विशेष पहचान होती है। अभी हम सिर्फ यह समझना शुरू कर रहे हैं कि ट्यूमर से निकलने वाले मेटाबोलाइट्स को कैंसर की सटीक जानकारी के लिए बायोमार्कर के रूप में कैसे उपयोग किया जा सकता है।