अमेरिका स्थित आरहूस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया है कि संतुलित आहार से दिमाग में रक्तस्नाव या खून जमने का खतरा कम हो जाता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कराया गया यह अध्ययन ‘स्ट्रोक जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि शाकाहार का अधिक व मांसाहार का कम सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। अध्ययन की नेतृत्वकर्ता क्रिस्टीना डाहम कहती हैं, ‘अगर वयस्क पुरुष या महिला संतुलित आहार व रेशेदार भोजन लेते हैं, तो उनके दिमाग में रक्तस्नाव या खून जमने का खतरा कम हो जाता है।’ यह अध्ययन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्व में ब्रिटेन में हुए एक शोध में कहा गया था कि मांसाहारियों के मुकाबले शाकाहारियों को दिमाग में रक्तस्नाव का खतरा ज्यादा होता है।नए अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने डैनिश डायट, कैंसर एंड हेल्थ पापुलेशन स्टडी के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। पिछली सदी के नौवें दशक में हुए इस अध्ययन में 57,053 लोगों को शामिल किया गया था, जिनकी उम्र 50-64 साल के बीच थी। हालिया अध्ययन में संतुलित मात्र में साग-भाजी व फल खाने तथा कम मात्र में मांसाहार व उच्च वसायुक्त भोजन करने की सलाह दी गई है। यूसी डेविस स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक अध्ययन में पाया गया कि चीनी और वसा में समृद्ध आहार से आंत की माइक्रोबियल कल्चर में असंतुलन हो जाता है, जो सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों को विकसित करने में मददगार साबित हो सकता है। अध्ययन में सुझाव दिया गया कि अधिक संतुलित आहार का सेवन करने से आंत का स्वास्थ्य बहाल हो जाता है और त्वचा की सूजन कम हो जाती है। अध्ययन के निष्कर्ष ‘जर्नल आफ इन्वेस्टिगेटिव डर्मेटोलाजी’ में प्रकाशित हुए थे।प्रोफेसर और त्वचा विज्ञान के अध्यक्ष यूसी डेविस हेल्थ और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक सैम टी ह्वांग ने कहा, पहले के अध्ययनों से पता चला है कि पश्चिमी आहार, इसकी उच्च चीनी और वसा सामग्री की विशेषता, त्वचा संबंधी रोगों और सोरायसिस फ्लेरेस का कारण बन सकती है। ह्वांग ने कहा, त्वचा संबंधी बीमारियों से लड़ने में शक्तिशाली दवाएं मौजूद होने के बावजूद, हमारे अध्ययन से संकेत मिलता है कि आहार में साधारण परिवर्तन भी सोरायसिस पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।