इंदौर । वस्तु एवं सेवाकर में एक जनवरी से बड़े बदलाव किए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव फुटवियर को लेकर हुआ है। सरकार ने एक हजार के फुटवियर पर पांच प्रतिशत टैक्स को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है इससे व्यापारी नाखुश हैं और विरोध कर रहे हैं। इससे केंद्र और मप्र सरकार को करीब 250 करोड़ रुपए सालाना का फायदा होगा, वहीं आम जनता को बढ़े हुए टैक्स की कीमत चुकानी होगी। जानकारों का मानना है कि पहले 900 रुपए का जूता पांच प्रतिशत टैक्स के साथ 945 रुपए का आता था, जिसके लिए अब एक हजार रुपए से ज्यादा चुकाने होंगे। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में करीब 65 प्रतिशत ग्राहकी एक हजार रुपये से कम कीमत के फुटवियर की है। मध्य प्रदेश में फुटवियर सेक्टर से अब तक केंद्र और राज्य सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए की कमाई होती थी। जीएसटी में सात प्रतिशत बढ़ोतरी होने के बाद अब कमाई 450 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी। टैक्स की 250 करोड़ की अतिरिक्त राशि मध्यप्रदेश फुटवियर के क्षेत्र में करीब चार हजार करोड़ रुपए का सालाना कारोबार होता है। जीएसटी लागू होने से पहले कम कीमत के फुटवियर को टैक्स फ्री रखा गया था। जीएसटी लागू होने के बाद इस पर पांच प्रतिशत टैक्स लगाया गया, जिसे अब बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। फुटवियर एसोसिएशन के पदाधिकारी राजेश केसवानी के अनुसार, कम कीमत वाले फुटवियर सेक्टर में सबसे ज्यादा ग्राहकों की संख्या देहात क्षेत्र की होती है। ऐसे में जीएसटी बढऩे का सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ेगा। व्यापारियों के अनुसार, टैक्स बढ़ोतरी के फैसले का असर छोटे कारोबारियों पर ज्यादा पड़ेगा। ये ऐसे व्यापारी हैं, जिनका टर्न ओवर 40 लाख रुपए से कम का है। जीएसटी गाइडलाइन के अनुसार, टर्नओवर नहीं होने से इन व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा। ऐसे में जो व्यापारी 100 रुपये के प्रोडक्ट्स पर 15 रुपए का प्राफिट ले रहा था, अब उसे केवल आठ रुपए ही प्राफिट मिलेगा। मप्र के चार बड़े शहरों में फुटवियर का कारोबार इंदौर में 600 करोड़ रुपए, भोपाल में 400 करोड़ रुपए, ग्वालियर में 360 करोड़ रुपए और जबलपुर में 320 करोड़ रुपए का आंका गया है।