प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव में अधिकारियों का आनलाइन प्रशिक्षण की अनुमति की मांग करने वाली याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है, साथ ही यह याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पूछा था कि ऐसे लोग जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है, उनके प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को संक्रमण का खतरा है, तो क्या आन लाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय ने हाई कोर्ट को आयोग द्वारा प्रशिक्षण के लिए किये गए इंतजाम की जानकारी दी और कहा कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम जे एन मौर्य ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने डाक्टरों का पैनल तैयार किया है। वह बीमार लोगों की जांच कर रिपोर्ट देगा।जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वह ड्यूटी से छूट दे सकता है।वैसे भी जो 24 व 25 को प्रशिक्षण ले नहीं सकेंगे। उनके लिए शनिवार 29 जनवरी को विशेष व्यवस्था के तहत प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। यह भी बताया कि ईवीएम मशीन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना है। वह आन लाइन नहीं दिया जा सकता। शारीरिक रूप से उपस्थित होकर ईवीएम मशीन की जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।