प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आनर किलिंग के आरोप में जेल में बंद सन्नी सिंह की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल बीत जाने के बाद भी जाति प्रथा समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है। लोग अपने को शिक्षित समाज में होने का दंभ भरते है, परंतु दोहरा जीवन जी रहे हैं। कोर्ट ने कहा समय आ गया है जब हमें जाति व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। पीडि़ता व परिवार को खतरे की आशंका जाहिर किये जाने पर कोर्ट ने एसएसपी गोरखपुर को सुरक्षा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने सन्नी सिंह की अपील पर दिया है।हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के याची की जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश को रद कर दिया है। मामले के अनुसार शिकायतकर्ता का छोटा भाई अनीस कुमार अनुसूचित जाति (एससी) का था। वह उरूवा ब्लाक में ग्राम पंचायत अधिकारी नियुक्त किया गया था। वह 24 जुलाई 2021 की सुबह 10 बजे अपने चाचा के साथ बाजार गया था। उसी समय मोटर साइकिल पर सवार होकर आए बदमाशों ने उसके ऊपर धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया। इससे उसकी मृत्यु हो गई। हमले में मृतक के चाचा भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।एफआइआर में 17 लोगों पर हत्या व षड्यंत्र का आरोप लगाया गया। इसमें कहा गया कि उसकी (मृतक की) गलती इतनी थी कि उसने साथ प्रशिक्षण ले रही सवर्ण जाति की लड़की से घनिष्टता बढ़ा लिया था। बाद में दोनों ने शादी कर ली थी। लड़की के घर वाले इस शादी से नाखुश थे, इस कारण षड्यंत्र करके उसकी दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई।वहीं, याची के वकील का कहना था कि लड़की के नजदीकी व खून का संंबंध रखने वाले आरोपियों की जमानत पहले मंजूर हो चुकी है। याची का लड़की से न तो कोई रक्त का संबंध है और न ही उसका इस अपराध में कोई हाथ है। यहां तक की लड़की ने अपने 161 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दिए बयान में याची के संबंध में कुछ भी नहीं कहा है