अलीगढ़ । बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को बसपा कार्यकर्ता व प्रत्याशियों में जोश भरा। उन्होंने नुमाइश मैदान पर आयोजित जनसभा में बसपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 2007 की तरह वापस सरकार में आने का दावा किया है। साथ ही कांग्रेस व भाजपा पर हमला बोला। कहा, हम अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार प्रदेश को भाजपा की तानाशाही से मुक्त होना है। हमने पहले की तरह उसी अनुपात में सर्वसमाज को टिकट दी हैं। कांग्रेस गलत नीतियों से बाहर नहीं आई। इसलिए सत्ता से बाहर हुई। कांग्रेस दलित विरोधी है। कांशाराम, भामराव आबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया। इस सम्मान के वे पात्र थे। कांशाराम के निधन के बाद राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था। अब सत्ता से बाहर होने पर कांग्रेस दलितों पर डोरे डाल रही है।कांग्रेस के जब अच्छे दिन होते हैं तो दलित इसे याद नहीं आए। अब सपा व भाजपा सरकार से जनता दुखी है। सपा में गुंडे और माफिया का बोलबाला रहा है। दंगा कराने वाले यहां ज्यादा हैं। विकास के कार्य भी यहां विशेष क्षेत्र में हुए हैं। दलितों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है। पूर्व में अखिलेश सरकार में दलितों का आरक्षण खत्म कर दिया गया था। इसकी व्यवस्था बसपा ने की थी। पदन्नति का बिल भी फाड़ दिया। जिले के नाम बदल दिए। हाथरस, हापुड़ के नाम पुराने की कर दिए। कोर्ट के निर्णय की आड़ में दलितों का डिमोशन किया गया। छात्र प्रति पूर्ति रोकने का काम किया गया। लखनऊ के गोमती नगर में भीमराम आंबेडकर पार्क का नाम बदल दिया गया। जमीन में बी नियम बदले गए हैं। सपा की सरकार में दलितों के साथ अन्याय व अत्याचार किया गया। ये दलितों के दुश्मन हैं। अवसरवादी हैं। अब किसी भी कीमत पर सत्ता में नहीँ आने देना। मैं सोच रही थी कि सपा के जाने के बाद भाजपा भेदभाव नहीं करेगी। लेकिन एेसा नहीं हुआ। इनमें भी जातिवादी साफ झलकती है। यहां अब पूंजीवादी व आरएसएस की मानसिकता चल रही है। अपराध बढ़े हैं।