राजनीति में केजरीवाल ने जिन बुनियादी जरूरतों को मुद्दा बनाया है वही गेम चेंजर साबित हो रहीं : निगार फारूखी

चुनाव में जीते कोई भी, लेकिन लोग हमेशा जीतेंगे, देश ख़ुशहाल बनेगा और आगे बढ़ेगा

गाजियाबाद। लायक हुसैन । बात राजनीति से हटकर और राजनीति को जोड़कर बात खुशहाली की, और बात तरक्की की, इसी मुद्दे पर आज दैनिक एक संदेश समाचार पत्र के गाजियाबाद से ब्यूरो चीफ लायक हुसैन से सामाजिक कार्यकर्ता निगार फारूखी से हुई बातचीत के कुछ अंश पेश हैं, आइये जानते हैं कि निगार जी दिल्ली सरकार के कार्यों को कैसा मानती हैं, अरविन्द केजरीवाल को कोई गाली दे,नक्सली कहे, खुजलीवाल कहे, अब एक और शब्द नया नया आतंकवादी भी जोड़ दिया गया है या उनके कपड़े,सैंडल, मफ़लर और खाँसी की हंसी उड़ाई जाए लेकिन राजनीति में केजरीवाल ने जिन बुनियादी जरूरतों को मुद्दा बनाया है वही गेम चेंजर साबित हो रहे हैं और विरोधियों के पास इन सब चीजों का कोई तोड़ नहीं है, हाँ बराबरी के लिए आज नहीं तो कल इन मुद्दों पर ही आना पड़ेगा। बेशक़ विरोधी उनके सारे दावों और मुद्दों को बेबुनियाद कहते फिरें लेकिन 70 सालों की राजनीति को उन्होंने पहली बार सरकारी स्कूलों, सरकारी अस्पतालों बुनियादी ज़रूरतों से जोड़ा है। सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक इन सबके बीच नज़ीर बने और एक आम बहस का मुद्दा भी बने हैं। सरकारी स्कूलों में जो सुधार हुआ है उसके चलते आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और बच्चों को जो को सुविधाएं मिली हैं उसका परिणाम है कि पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का स्तर बेहतर भी और बेहतरीन भी हुआ है।
आज तक किसी ने सोचा था कि सरकार कभी बिजली और पानी भी मुफ़्त या कम दामों पर मुहैया करवाएगी जी नहीं यह सब पहली बार केजरीवाल ने कर दिखाया, सरकारी सेवा को Door-delivery द्वारा जनता के घर तक जोड़ा है, दिल्ली के सभी निवासियों को सरकारी सेवायें और कागज़ात उनके घर पर ही मिल रहे हैं अब जनता इन कागज़ातों के लिये दफ्तरों के चक्कर नहीं काट रही और सबसे बड़ी बात यह है कि जनता को भ्रष्टाचार से भी निजात मिली है।
कभी कोई सोच सकता था कि कोई सरकार महिलाओं के लिए मुफ़्त यातायात की व्यवस्था करेगी लेकिन केजरीवाल सरकार ने वह सब कर दिखाया जो वायदे किए, आज दिल्ली में सभी का किसी भी स्तर का पूरा इलाज बिल्कुल मुफ़्त होता है और सभी दवाइयां भी मिलती हैं। आज दिल्ली में हर धर्म के बुजुर्गों के लिए मुफ़्त तीर्थयात्रा की व्यवस्था है क्या इससे पहले कभी ऐसा हुआ था जी नहीं कभी भी ऐसा नहीं हुआ। हमेशा अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा और किसी बीमारी के इलाज की चिंता करने वाले मेहनतकश और रोज़ी-रोटी के लिए झूझते परिवारों से पूछिए कि सरकार की इन सुविधाओं का क्या मोल है और ज़िन्दगी कितनी आसान हुई है यह वही बता सकते हैं जिन्हें इन सब बातों से निजात मिली है। हर सरकार का असली काम यही है और सरकार इन्हीं कामों के लिए होती है कि आवाम की बुनियादी जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें। आज तक जनता पर राजनीतिक मुद्दे थोपे गए और फ़ायदा उठाकर सत्ता हासिल करने का काम किया गया है और जनता हारती आ रही है। कोई हारे, कोई जीते लेकिन अगर राजनीतिक बहस और सरकार के कामकाज इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमेंगे तो सिर्फ जनता जीतेगी। केजरीवाल हो या कोई और, इन मुद्दों पर बात कीजिये, अगर हम सब इन मुद्दों पर बात करेंगे तो चुनाव में जीते कोई भी, लेकिन लोग हमेशा जीतेंगे, देश ख़ुशहाल बनेगा और आगे बढ़ेगा।

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