गरीबों की आकांक्षाओं को पूरा कर रही पार्टी : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की यात्रा राष्ट्रीय सेवा के बारे में रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने सात दशकों से उपेक्षा झेलने वाले गरीबों, किसानों, दलितों और वंचित महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम किया है।अमित शाह ने बुधवार को भाजपा के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “भाजपा के 42वें स्थापना दिवस पर खुद को तिल-तिल जलाकर भाजपा को वटवृक्ष बनाने वाले सभी महापुरुषों को नमन। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और जेपी नड्डा जी की अध्यक्षता में भाजपा निरंतर सेवाभाव से राष्ट्रकल्याण की ओर अग्रसर है। सभी कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देता हूँ।उन्होंने आगे लिखा, “भाजपा की ये 42 वर्षों की यात्रा राष्ट्रसेवा, राष्ट्रउत्थान व राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की यात्रा रही है। और 2014 से नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा 7 दशकों से वंचित देश के करोड़ों गरीबों, किसानों, वंचितों और महिलाओं की आकाँक्षाओं की पूर्ति का साधन बनी है। अमित शाह ने लिखा, “2014 से पहले गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी भी एक बड़ा संघर्ष था। नरेंद्र मोदी जी के पीएम बनने के बाद भाजपा सरकार ने गरीबों को घर, बिजली, गैस, शौचालय, बैंक अकाउंट व स्वास्थ्य बीमा देने के साथ-साथ मुफ्त राशन देकर उनको एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन देने का काम किया। बीजेपी आज अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। बुधवार की सुबह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी मुख्यालय पर झंडा फहराया और इसके प्रतीक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। पार्टी मुख्यालय में रक्तदान शिविर का भी आयोजन करेगी।इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सुबह 10 बजे देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। नड्डा सुबह 11 बजे करोल बाग में एक जुलूस में शामिल होंगे। पार्टी 7-20 अप्रैल के बीच “सामाजिक न्याय पखवाड़ा” का आयोजन करेगी। विभिन्न देशों के दूत भी बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय का दौरा करेंगे।

भाजपा का पहले का अवतार भारतीय जनसंघ (बीजेएस) था, जिसकी स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी। बाद में जनता पार्टी बनाने के लिए बीजेएस को 1977 में कई पार्टियों के साथ मिला दिया गया। 1980 में, जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने अपने सदस्यों को पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की ‘दोहरी सदस्यता’ से प्रतिबंधित कर दिया। नतीजतन, जनसंघ के पूर्व सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी और 6 अप्रैल, 1980 को भाजपा का गठन किया।

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