भारत में ही होगा 300 से ज्यादा रक्षा उपकरणों का उत्पादन : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली । रक्षा क्षेत्र में भारत आज बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत गुरुवार को एक और कदम बढ़ा रहा है। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रक्षा उपकरणों की तीसरी लिस्ट जारी करेंगे। इन उपकरणों को भारत में ही बनाया जाएगा। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में बताया कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय देश में बनाए जाने वाले हथियारों की तीसरी लिस्ट ला रहा है। तीसरी सूची, 101 वस्तुओं वाली पहली सूची और 108 सामानों वाली दूसरी लिस्ट पर आधारित है।पहली लिस्ट 2020 में जारी की गई थी। पहली सूची में प्रमुख वस्तुओं में 155mm/39 Cal अल्ट्रा-लाइट होवित्जर, हल्के लड़ाकू विमान, उन्नत स्वदेशी सामग्री, पारंपरिक पनडुब्बी और संचार उपग्रह GSAT-7C शामिल हैं। जबकि दूसरी सूची में प्रमुख वस्तुओं में अगली पीढ़ी के कार्वेट, भूमि-आधारित MRSAM हथियार प्रणाली, स्मार्ट एंटी-फील्ड वेपन सिस्टम (SAAW) Mk-I और लड़ाकू विमानों के लिए ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम (OBOGS) शामिल हैं।रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तीसरी लिस्ट में 100 से ज्यादा सामान हैं। इसमें जो सामान शामिल हैं उनके निर्माण के लिए अगले पांच सालों में रक्षा उद्योगों को दो लाख 10 हजार करोड़ रुपये के आर्डर दिए जाएंगे। जटिल हथियार प्रणालियों से लेकर बख्तरबंद वाहन, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों जैसे 300 से ज्यादा सामानों का भारत में निर्माण किया जाएगा।पहली और दूसरी सूची जारी होने के बाद आर्मी ने 53,839 करोड़ रुपये के 31 प्रोजेक्ट पर साइन किए हैं। इसके अलावा 1,77,258 करोड़ रुपये की 83 परियोजनाओं के लिए मंजूरी दी गई है।

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