संसद की निचली सदन यानी लोकसभा के कर्मचारियों को अब नई यूनिफॉर्म चुनने की आजादी होगी। इसके लिए उन्हें अब दो साल में एक बार कपड़े मिलने की जगह यूनिफॉर्म भत्ता मिला करेगा। इस पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने सहयोग अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया। पहली बार यूनिफॉर्म भत्ता दिया जा रहा है जो पुरुषों के लिए 16 हजार रुपये और महिलाओं के लिए 17 हजार रुपये होगा। यह उसकी नौकरी और रैंक पर निर्भर करेगा।
पार्लियामेंट सेक्रेटिएट की रिपोर्टिंग, टेबल ऑफिस और सिक्योरिटी समेत मुख्य पांच ब्रांच के कर्मचारियों को यह भत्ता दिया जाएगा। आधिकारिक सूत्र ने बताया, इन ब्रांच कर्मचारी सांसद और विजिटर्स का सीधा सामना करते हैं। वे पार्लियामेंट सेक्रेटिएट के चेहरे हैं इसलिए इनका एक निश्चित यूनिफॉर्म है। इनके भारतीय संसद की गरिमा और ठाट-बाट जुड़ा हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि दो साल में कपड़े मिलने की जगह भत्ता सिस्टम से कर्मचारियों को यह फायदा होकगा कि वे जहां भी चाहेंगे यूनिफॉर्म खरीद पाएंगे। उन्हें अब कपड़े खरीदने का आजादी होगी, निश्चित रंग के साथ। महिलाएं के लिए ड्रेस कोड का पैटर्न फिक्स है- साड़ी। लेकिन, पुरुषों के लिए सफारी सूट- नीले, चारकोल और अन्य रंगों में तय है, यह उस कर्मचारी के सेक्शन पर निर्भर करता है। सर्दियों में महिला और पुरुष दोनों के लिए ब्लेजर और कोट पहनने की इजाजत रहती है।
टेबल ऑफिस में सदन के पेपर वर्क से लेकर डिबेट के लिए नोटिस रिसिव करने और बिल पेश करने तक के सारे काम देखे जाते हैं। प्रश्नकाल के लिए सवालों को भी वहां पर छोटा किया जाता है। पार्लियामेंट सिक्योरिटी ब्रांच सभी सुरक्षा पहलुओं को देखती है।