दशाश्‍वमेध घाट पर देव दीपावली में पहली बार गंगा आरती में पांच कन्‍याएं भी होंगी शामिल

वाराणसी । इस बार देव दीपावली के मौके पर पांच कन्‍याएं भी गंगा आरती करेंगी और मां गंगा की आरती के दौरान आधी दुनिया का भी प्रतिनिधत्‍व होगा। वेद, विज्ञान, सभ्यता एवं संस्कृति की राजधानी विशेश्वर विश्वनाथ की नगरी में कन्याएं मां गंगा की महाआरती करेंगी। गंगोत्री सेवा समिति, वाराणसी के दिनेश शंकर दुबे ने इस बाबत जानकारी दी है कि गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं आरती करेंगी काशी में गंगा आरती की शुरुआत करने वाले बाबू महाराज की तीसरी पीढ़ी की एक पुत्री और एक पुत्र भी महाआरती का नेतृत्व करेंगे। काशी के विद्वानों की सहमति के यह निर्णय लिया गया है।

बताया कि इस बाद देव दीपावली के मौके पर पांच कन्याएं आरती करेंगी, वहीं उनके अलावा 21 बटुक और उनके साथ 42 रिद्धि सिद्धि की सहभागिता होगी। इस दौरान 108 किलो अष्ट धातु की मां गंगा की चल प्रतिमा का 108 किलो फूल से महाश्रृंगार किया जाएगा।काशी के तमाम पहचानों में से एक महत्वपूर्ण पहचान के तौर पर गंगा आरती इस वर्ष देव दीपावली में एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है। गंगा के जिन नयनाभिराम आरती को देखने देश विदेश से सैलानी जुटते हैं उसी गंगा आरती को पहली बार पांच बेटियों की अगुवाई में करने की परंपरा अनोखी साबित होने जा रही है। सन 1997 में पहली बार दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के बैनर तले पं किशोरी रमन दुबे बाबू महाराज ने अकेले आरती का श्रीगणेश किया था। कालांतर में काशी के कई घाटों पर गंगा आरती का क्रम बढ़ता गया।

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