प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नर्स, महिला स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में बिना कटआफ अंक जारी किए सभी अभ्यर्थियों को पास करने पर स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया है। एकता यादव व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सुनवाई की। याचियों का कहना है कि वह प्रारंभिक योग्यता परीक्षा-2021 में शामिल हुए हैं। परीक्षा न्यूनतम अर्हता अंक कटआफ अंक के जरिए अभ्यर्थियों को शार्ट लिस्ट करने के लिए आयोजित की गई है। ऐसा न करके परीक्षा में शामिल सभी लोगों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। यह पूरी तरह से मनमाना और भेदभाव पूर्ण है। सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होना ही मुख्य परीक्षा के अर्ह होने का आधार नहीं हो सकता है। ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पेंशन आदि सेवानिवृत्ति परिलाभों का समय से भुगतान किया जाना चाहिए। यदि अधिकारियों की शिथिलता के कारण भुगतान में देरी होती है तो कर्मचारी को देरी का ब्याज पाने का विधिक अधिकार है। कोर्ट ने प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) पंप आपरेटर पद से 31 मार्च 2021 को सेवानिवृत्त याची को तीन माह में सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने चंदौली के छोटे लाल गुप्ता की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।