नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस से पहले देश की खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। खुफिया एजेंसी ने दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा एजेंसियों को उन लोगों पर नजर रखने के लिए अलर्ट जारी किया है, जो सीएए-एनआरसी और कृषि कानूनों के विरोध में सक्रिय थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद नई दिल्ली इलाके में लाल किले और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया इनपुट से पता चला है कि दिल्ली हिंसा में वांछित लोग गणतंत्र दिवस को बाधित कर सकते हैं। खुफिया एजेंसी के अलर्ट के अनुसार, दिल्ली हिंसा में वांछित कुछ लोग देश में सामान्य स्थिति को अस्थिर करने के लिए असामाजिक तत्वों के संपर्क में हैं। इस साजिश में हवा देने के लिए सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) व अन्य आतंकी संगठनों के द्वारा सोशल मीडिया का सहारा लिया गया है। खुफिया अलर्ट में इस बात की हिदायत दी गई है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अपने-अपने एरिया में कड़ी नजर रखें। आशंका है कि एसएफजे के उकसावे पर शरारती तत्व खालिस्तानी झंडे दिखाने या टी-शर्ट पहनने जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियां भी कर सकते हैं।वहीं, खुफिया एजेंसी के अलर्ट के बाद लाल किले में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। दिल्ली की सीमाओं को 25-26 जनवरी की मध्यरात्रि से सील कर दिया जाएगा। 26 जनवरी को दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का कहना है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, दिल्ली में हमेशा आतंकी खतरे का अलर्ट रहता है, इसलिए हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। इस साल भी हम पूरी तरह अलर्ट पर हैं। सुरक्षा एजेंसियां सभी आतंकवाद रोधी उपायों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर रही हैं।पुलिस कमिश्नर ने बताया कि, दिल्ली में कुल 20,000 जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि कुल तैनात बल में 71 पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), 213 एसीपी, 713 निरीक्षक, दिल्ली पुलिस कमांडो, सशस्त्र बटालियन अधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 65 कंपनियां शामिल हैं। आयुक्त ने कहा कि पिछले दो महीनों से दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है।