प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे अलग-अलग परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी और समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे गी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। साझा पात्रता परीक्षा के जरिए यह अलग-अलग परीक्षाओं को समाप्त करेगी और समय के साथ संसाधनों की भी बचत होगी। इससे पारदर्शिता को और बल मिलेगा।’
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिए अभी करीब 20 भर्ती एजेंसियां हैं। परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आएंगी। एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आएंगे ।