केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की समीक्षा की है। सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश से विभिन्न अर्ध सैनिक बलों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। गौर करने वाली बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव बरकरार है। यही नहीं हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को इस केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल बनाया गया है। राज्य में नए उपराज्यपाल की नियुक्ति के साथ केंद्र सरकार का जोर तेजी से हालात को सामान्य बनाने पर है।
भले ही केंद्र ने अर्ध सैनिक बलों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला किया है, लेकिन संकेतों से साफ है कि देश को अस्थिर करने की साजिश रचने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। हाल ही में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि कश्मीर में नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश के दो जिलों में ट्रायल के आधार पर 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दिया है। कश्मीर संभाग के गांदरबल जिले और जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले में रविवार रात नौ बजे से 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल किया गया है। सरकार का जोर विधानसभा चुनाव के लिए भी अनुकूल माहौल तैयार करने पर है।
प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए हाल ही में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी आर्थिक माहौल का जायजा लेगी। प्रशासन ने यह भी तय किया है कि हाउस बोट के पंजीकरण, लाइसेंस नवीकरण के दिशा निर्देश को लेकर भी समीक्षा की जाएगी। बीते दिनों यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में कश्मीर चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से बातचीत कर व्यापारी वर्ग की समस्याओं को सुनने के समय किया। प्रशासन ने बिजली माफी योजना को भी तीस सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया है।