काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता भारत ने की. भारत ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई और कहा वहां महिलाएं, पुरुष और बच्चे डर के साए में जी रहे हैं.
यूएनएससी की आपातकालीन बैठक के दौरान भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि “अफगानिस्तान के एक पड़ोसी देश के रूप में, उसके लोगों के मित्र के रूप में, देश में मौजूदा स्थिति भारत में हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है. अफगानी पुरुष, महिलाएं और बच्चे लगातार भय की स्थिति में जी रहे हैं.”
टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा, “हमने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य देखा है जिससे लोगों में व्यापक दहशत है. महिलाएं और बच्चे परेशान हैं. हवाई अड्डे सहित शहर से गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं.” उन्होंने कहा, “मौजूदा संकट से पहले, अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से प्रत्येक में भारत की विकास परियोजनाएं चल रही थीं. हम संबंधित पक्षों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने, संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक और कांसुलर कर्मियों सहित सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद के प्रति सभी रूपों में जीरो टॉलरेंस की नीति है और यह ये सुनिश्चित करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता है, तो अफगानिस्तान के पड़ोसी और इलाके सुरक्षित महसूस करेंगे.
वहीं, यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “मैं सभी पक्षों से विशेष रूप से तालिबान से आग्रह करता हूं कि वे जीवन की रक्षा के लिए अत्यधिक संयम बरतें और यह सुनिश्चित करें कि मानवीय जरूरतों को पूरा किया जा सके.” उन्होंने कहा कि संघर्ष ने हजारों लोगों को मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफ़ग़ानिस्तान फिर से एक बार आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित स्थान ना बन जाए.”