नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को कम करने के लिये उन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में ईंधन पर दी गयी भारी सब्सिडी के एवज में किए जा रहे भुगतान से उनके हाथ बंधे हैं.
सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के तेल बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी. मैं पिछली यूपीए सरकार जैसी चालबाजी नहीं कर सकती. ऑयल बांड की वजह से हमारी सरकार पर बोझ आया है, इसलिए हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का चिंतित होना सही है.
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने इन तेल बांड के लिए पिछले पांच साल में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज का भुगतान किया है और अभी भी 1.30 लाख करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने आगे कहा, ”हमें अभी भी 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा.”
सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को पिछले साल 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया था. सीतारमण ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का विकल्प खुला रखा है. उन्होंने कहा कि जब कभी राज्य इसके लिये तैयार होंगे, इसे जीएसटी के तहत ला दिया जायेगा.
बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक की दर पर बिक रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 101 रुपये 84 पैसे है. वहीं डीजल 89 रुपये 87 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है.