नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने खाद्य तेलों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने को लेकर 11,040 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय खाद्य तेल-तेल पाम मिशन (एनएमईओ-ओपी) को मंजूरी दी है. कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राष्ट्रीय मिशन के तहत पाम तेल की खेती करने वालों के लिये जरूरी सामान के वास्ते सहायता को दुगुना कर 29 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर किया गया है.
कृषि मंत्री ने कहा, ”पाम तेल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी और ये निर्णय किया गया है कि अगर बाज़ार में उतार चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो केंद्र सरकार DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी.”
उन्होंने कहा कि तेल पाम की खेती के लिये पौधारोपण के लिये रोपण सामग्री की कमी को दूर करने के लिए 15 हेक्टेयर तक की नर्सरी को 80 लाख रूपए और पूर्वोत्तर राज्य के लिए 1 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी. तोमर ने कहा कि उत्पादक कृषकों को मूल्य आश्वासन दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ”खाद्य तेलों की निर्भरता बड़े पैमाने पर आयात पर टिकी है, इसलिये यह जरूरी है कि देश में ही खाद्य तेलों के उत्पादन में तेजी लाई जाये. इसके लिये पाम ऑयल का रकबा और पैदावार बढ़ाना बहुत अहम है.”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान इस नयी केंद्रीय योजना की घोषणा की थी. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को ध्यान में रखते हुये एनएमईओ-ओपी को मंजूरी दी है.