जम्मू। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया है। इसी के साथ उन्होंने यह बात भी कही कि अगर सरकार इन कृषि कानूनों को पहले ही वापस ले लेती तो सैंकड़ों किसानों की जान बचाई जा सकती थी। आजाद ने कहा कि भविष्य में लोगों के हितों के खिलाफ कानून बनाने पर भी सरकार सोचेगी। जम्मू में अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए थे, तो संसद में इस पर हुई चर्चा के दौरान सभी ने इन्हें पारित न करने को कहा था। लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही। आजाद ने कहा कि हम जिन लोगों के लिए कानूनी बनाते हैं अगर उन्हें ही कानून पसंद नहीं तो ऐसे कानूनों का क्या फायदा। सरकार के तीन कानून बनाने से एक साल से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे कई किसानों को न सिर्फ अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि उन्हें भीषण गर्मी और ठंड के बीच अपनों से दूर सड़कों पर दिन-रात गुजारने पड़े। बेहतर होता कि सरकार ऐसे कानूनों को पारित ही न करती। यह पूछे जाने पर कि क्या कृषि कानून वापस लेने से सरकार पर अनुच्छेद 370, 35-ए सहित कई अन्य कानून वापस लेने के लिए विपक्ष दबाव डालेगा? इस पर आजाद ने कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम कृषि कानूनों पर ही बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए ही कृषि कानून वापस लिए हैं। वहीं कांग्रेस में गुटबाजी पर आजाद कुछ भी कहने से बचते रहे। उनका कहना था कि कुछ मामलों पर पार्टी में ही चर्चा की जाती है।