गल्ला कारोबारियों के लिए झटका : मंडी समितियां क्षेत्र में कर सकेंगी शुल्क की वसूली

प्रयागराज । तीनों कृषि कानून को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। इसलिए अब मंडी समितियां अपने क्षेत्र में कारोबारियों से मंडी शुल्क वसूल सकेगी। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। शुल्क वसूली का झटका गल्ला कारोबारियों को ही ज्यादा लगना है। पिछले साल केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लाई थी। उसे प्रदेश सरकार ने लागू कर दिया था। उस कानून में मंडी समितियों के अधिकार कम कर दिए गए थे। उस कानून के तहत आढ़ती मंडी के बाहर भी कारोबार कर सकते थे और शुल्क नहीं लगता। इससे मंडी समिति को राजस्व मिलना कम हो गया। कई कारोबारी मंडी समिति से बाहर खरीदारी करने लगे। मंडी समिति केवल उनसे शुल्क ले पा रहा था, जो मंडी समिति के अंदर काम कर रहे थे।

अब किसानों के भारी दबाव पर केंद्र सरकार ने कानून वापस ले लिया तो फिर से मंडी का पुराना नियम लागू हो जाएगा। फल सब्जी व्यापार मंडल महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार कुशवाहा ने बताया कि नए कानूनों से किसानों का कोई हित नहीं हो रहा था। इसमें केवल व्यापारियों का फायदा था। व्यापारी मंडी समिति परिसर के बाहर व्यापार करते और शुल्क की चोरी करते। इससे सरकार को बीते एक साल में बहुत नुकसान हुआ और एक चौथाई राजस्व ही मिला। अवैध मंडी पर रोक लगाने के लिए प्रमुख सचिव ने आदेश भी जारी किया था, लेकिन अवैध मंडियां चल रही थी। अब पुन: मंडी समिति को अधिकार मिलने पर पूरे कार्य क्षेत्र में शुल्क वसूला जा सकेगा।राज्य सरकार द्वारा कार्यकारी आदेश जारी होने के बाद पूर्व व्यवस्था लागू होगी। नियमों के अनुसार शुल्क लगेगा। आमदनी बढ़ने पर किसानों को उपहार मिलेंगे। अभी मंडी समिति का राजस्व एक साल में 2 हजार करोड़ से घटकर 200 करोड़ हुआ है। प्रयागराज से प्रति माह डेढ़ से दो करोड़ शुल्क आता था, अभी 15 से 20 लाख शुल्क ही एकत्रित होता है। राज्य सरकार ने भी दर दो से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया था। जमाखोरी बढ़ गई है और बाहर ही व्यापार हो रहा है।

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