रायपुर। प्रदेश में इस वर्ष भी 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी। खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी और 31 जनवरी 2022 तक चलेगी। धान के साथ ही सरकारी खरीदी केंद्रों में मक्का की भी एक दिसंबर से ही खरीदी शुरू हो जाएगी। मक्का खरीदी के लिए 10 क्विंटल प्रति एकड़ के मापदंड को ही इस बार भी मान्य किया गया है। धान व मक्का खरीदी के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की अनुशंसाओं को सोमवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अफसरों के अनुसार धान और मक्का बेचने वाले किसानों को केंद्र सरकार से घोषित एमएसपी के हिसाब से ही आनलाइन उनके बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा। वहीं राजीव गांधी न्याय योजना के तहत दी जाने वाली राशि इस बार भी अलग से दी जाएगी। कैबिनेट ने धान खरीदी के लिए 14,700 करोड़ कर्ज के लिए गारंटी देने का फैसला किया है। 2020-21 में सरप्लस (अतिशेष) धान की नीलामी के माध्यम से निराकरण की अनुशंसा का भी कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया है।कैबिनेट ने अनुबंध की बचत धान की मात्रा का निरस्तीकरण और उस पर प्रस्तावित पेनाल्टी को माफ करने का निर्णय लिया गया। इससे राज्य के राइस मिलरों को राहत मिलेगी।धान खरीदी करने वाले सहकारी समितियों को 2020-21 में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कैबिनेट ने 250 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से धान के उठाव में देरी के कारण समितियों को इस बार नुकसान उठाना पड़ा है। इसकी वजह से समितियों के पदाधिकारी करीब महीनेभर से आंदोलन कर रहे हैं।सरकारी मेडिकल कालेजों, दंत चिकित्सा महाविद्यालय, नर्सिंग महाविद्यालय और फिजियोथेरेपी महाविद्यालय में प्राध्यापक और सह प्राध्यापक के पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरे जाने और पदोन्न्ति नियमों में एक बार छूट देने का निर्णय लिया गया। इसके सरकारी कालेजों में संविदा में कार्यरत शिक्षकों को उनकी सेवा अवधि को आयु सीमा में अधिकतम 10 वर्ष तक की छूट देने, सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए दो बोनस अंक भी देने का निर्णय लिया गया। बोनस अंकों की अधिकतम सीमा 10 अंकों तक होगी। इसी तरह चिकित्सा अधिकारी से चिकित्सा विशेषज्ञ के पद पर पदोन्न्ति के लिए नियमों को श्ािथिल किया गया है।