बिलासपुर। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत राज्य शासन ने लिंग परीक्षण रोकने व नियमों में कड़ाई बरतने के उद्देश्य से सभी सोनोग्राफी सेंटर में लगे एक्टिव ट्रैकर सिस्टम के जांच करने के निर्देश दिए हैं। ताकि लिंग परिक्षण करने वाले सेंटरों को पकड़ा जा सके। इससे भ्रूण हत्या के मामलों में लगाम कसी जा सकेगी। लिंग परिक्षण रोकने के लिए तो पीसीपीएनडीटी एक्ट का पूरी कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है। लिंग परीक्षण करते पकड़े जाने पर कठोर सजा का प्रविधान है। ऐसे में इसका डर सोनोग्राफी सेंटर में बना रहता है। वैसे भी इसकी मानिटरिंग के लिए सोनोग्राफी मशीन में एक्टिव ट्रैकर सिस्टम भी लगा रहता है, जिसकी जांच से लिंग परीक्षण किए जाने का पता चल जाता है। लेकिन इन सब के बाद भी कई सोनोग्राफी सेंटर में होने वाला बच्चा लड़का है कि लड़की ये जानने के काम किया जाता है। वहीं अब इस तरह के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए ही फिर से एक्टिव ट्रेकिंग सिस्टम की जांच करने के निर्देश शासन स्तर पर मिले हैं। ऐसे में अब पीसीपीएनडीटी एक्ट की टीम सोनोग्राफी सेंटर जाकर जांच की जाएगी। इस दौरान कुछ भी गड़बड़ी मिली तो तत्काल सोनोग्राफी सेंटर को सील कर पूरे मामले को जांच के दायरे में लिया जाएगा। साथ ही जांच में लिंग परीक्षण की पुष्टि होती है तो तत्काल एफआइआर कराने के भी निर्देश हैं।