नई दिल्ली। देश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड केस में सीबीआई ने देश की जानी मानी शिप कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। भारत की बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से कथित तौर पर 22842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में बैंक धोखाधड़ी का यह अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी है। केंद्रीय भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी ने धोखाधड़ी के इस केस में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और सह-प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और तीन अन्य निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को आरोपी बनाया है।ये मुकदमा सात फरवरी को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर किया गया था। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और जहाज-मरम्मत के कारोबार से जुड़ी है। ये कंपनी भारतीय जहाज निर्माण उद्योग में एक बड़ा नाम है। इसके यार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। कंपनी ने पिछले 16 वर्षों में 165 से अधिक जहाजों (निर्यात बाजार के लिए 46 सहित) का निर्माण किया है सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है। बैंकों के संघ ने सबसे पहले आठ नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंकों के संघ ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की और डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की। अधिकारी ने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपए के ऋण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। बैंकों की ओर से कंपनी को फ्रॉड अकाउंट में घोषित करने के दो साल बाद एजेंसी ने एबीजी शिपयार्ड और उसके निदेशकों के खिलाफ यह कार्रवाई की है।