आप नया वाहन खरीद रहे और पुराने का नंबर उसमें लेना चाहते है तो अब यह संभव है। स्क्रैप पालिसी के तहत कबाड़ होने वाले वाहन को स्क्रैप सेंटर में देने के बाद उसका नंबर अपने नए वाहन में पंजीकृत कराने की सुविधा मिलेगी।उत्तर प्रदेश में स्क्रैप पालिसी लागू कर दी गई है। प्रदूषण कम करने व पुराने वाहनों को कबाड़ स्क्रैप पालिसी के तहत काटने के लिए स्क्रैप सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही। पालिसी के तहत 15 वर्ष पुराने कामर्शियल व 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों को कबाड़ घोषित करके इन्हें स्क्रैप सेंटर भेजा जाएगा। बहुत से वाहन नंबर उसके स्वामियों को काफी प्रिय होते हैं। ऐसे में उनकी इच्छा होती है कि उनके वाहन का पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर नए वाहन में मिल जाए। कई लोग अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को लकी मानते हैं। स्क्रैप पालिसी के तहत जिन वाहन स्वामियों का पुराना वाहन कबाड़ घोषित हो जाएगा, वे नए वाहन पर उसका रजिस्ट्रेशन नंबर ले सकेंगे। पुराने वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को नए वाहन में लेने के लिए परिवहन विभाग ने नियम निर्धारित किए हैं। इसके अंतर्गत अगर किसी पुराने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर नए वाहन में लेना है तो उसका रजिस्ट्रेशन कम से कम तीन वर्ष पुराना होना चाहिए। संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में जिस नाम से पुराना वाहन रजिस्टर्ड है, उसी नाम से नए वाहन का भी रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इसके बाद ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। स्क्रैप पालिसी के तहत अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप सेंटर में देने पर प्रमाण पत्र मिलेगा। प्रमाण पत्र दिखाने पर नया वाहन खरीदने में 25 प्रतिशत तक छूट भी मिलेगी। कितना लगेगा शुल्क : 1000 रुपये दो पहिया वाहनों के लिए, 5000 रुपये चार पहिया वाहनों के लिए शुल्क होगा।
तीन श्रेणियों में खुलेंगे स्क्रैप सेंटर : पुराने वाहनों के लिए तीन श्रेणियों में स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे। हलके वाहनों के लिए स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए एक एकड़, मध्यम वाहनों के लिए 2.50 एकड़ व भारी वाहनों के लिए तीन एकड़ जमीन होना चाहिए।