प्रयागराज में चार लोगों की हत्या से पुलिस पर सवाल

प्रयागराज । अगर किसी त्योहार पर सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी रहती है तो वह होली है। इस बार फिर सुरक्षा व्यवस्था के मुकम्मल इंतजाम किए गए थे। पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों के साथ सभी थाना क्षेत्रों में रूटमार्च भी किया गया था। पर्व को शांतिपूर्वक मनाने को लेकर थानों में बैठकें भी आयोजित की गईं थीं, लेकिन कहीं न कहीं चूक हो गई और जिला दहल गया। प्रयागराज शहर में पहली बार ऐसा हुआ जब होली पर चार हत्याएं हो गईं। सबसे पहले जार्जटाउन थाना क्षेत्र में हुई घटना पर नजर डालते हैं। यहां अल्लापुर समेत कई इलाके हमेशा संवेदनशील रहते हैं। होली पर छोटी-छोटी बात को लेकर घटनाएं हो जाती हैं। होली के दिन शुक्रवार को दिन में भी यही हुआ था। मामूली बात पर दो युवकों की हत्या हो गई। एक को गोली मारकर मार डाला गया, जबकि दूसरे को लोगों ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। जिस समय यह घटना हुई, उस समय जार्जटाउन थाना प्रभारी क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे, जबकि अल्लापुर चौकी प्रभारी और बीट के सिपाही कहां थे, यह किसी को नहीं पता। बीट सिपाही अगर लगातार भ्रमण करते तो संभवत: यह घटना रुक सकती थी।खुल्दाबाद में भी हुई घटना इसकी लापरवाही की तरफ इंगित करती है। बीट सिपाही चौराहे या फिर पुलिस चौकी पर ही बैठे रहे। यहां भी भ्रमण की खामी नजर आई। जार्जटाउन और खुल्दाबाद में जिस प्रकार सनसनीखेज हत्या हुई, उससे हर कोई दहल गया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब शहर में चार लोगों को होली के दिन मौत के घाट उतार दिया गया हो। इससे पहले कभी इस प्रकार की वारदात नहीं हुई थी।वर्ष 2014 में होली के दिन धूमनगंज, जार्जटाउन, कीडगंज और मुट्ठीगंज में एक के बाद बमबाजी की कई घटनाएं हुईं थीं। हालांकि, इसमें किसी की मौत नहीं हुई थी, छह लोग घायल हुए थे। इस घटना से पुलिस ने सबक लिया था और फिर ऐसी कार्रवाई की थी कि दोबारा होली पर बमबाजी की घटना कभी नहीं हुई।नवाबगंज में रामनरेश की हत्या डीजे को तेज बजाने की वजह से हुई। यह तब है जब एसएसपी अजय कुमार ने स्पष्ट आदेश दिया था कि कहीं भी डीजे तेज आवाज में नहीं बजना चाहिए। क्योंकि इससे विवाद होने की प्रबल संभावना रहती है। नियम भी है कि इसे कम आवाज में बजाया जाए। इसलिए तय नियम के मुताबिक ही डीजे को बजाया जाना चाहिए। बावजूद इसके नवाबगंज के पटना उपरहार स्थित अचकवापुर गांव में तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। यहां भी अगर पुलिसकर्मी भ्रमण करते हुए पहुंचते तो संभव था कि घटना न होती।

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